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कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, राज जान कर दर्शक को तसल्ली मिली कि नहीं

दर्शकों के मुताबिक यह निर्देशक के विजुअलाइजेशन की जीत है कि वह किस तरह दृश्यों को गढ़ पाये हैं, जहां तक हम सोच भी नहीं पाते हैं।

By Rahul soniEdited By: Updated: Fri, 28 Apr 2017 03:03 PM (IST)
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कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, राज जान कर दर्शक को तसल्ली मिली कि नहीं
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। एस एस राजमौली की फिल्म 'बाहुबली 2 द कनक्लूजन' रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म को लेकर जिस तरह पूरा माहौल था और लोगों में उत्साह था। फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने के लिए लगातार टिकट्स बुक हो रहे थे। फिल्म की रिलीज़ से पहले ही कई करोड़ की एडवांस टिकट्स की बुकिंग हो चुकी थी। ऐसे में जाहिर है कि दर्शक इस बात को लेकर उत्साहित तो होंगे ही। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी था कि फिल्म देखने के बाद क्या वह संतुष्ट हुए या नहीं। 

जागरण डॉट कॉम ने मुंबई के कुछ इलाकों में मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन थियेटर में फिल्म देखने के बाद दर्शकों से बातचीत की। तो कई दिलचस्प प्रतिक्रिया सामने आई। एक महिला दर्शक ने सिंगल स्क्रीन में फिल्म देखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिल्म सुपरहिट है। बॉलीवुड में सलमान ख़ान बॉक्स आॅफिस पर धाकड़ कमाई करने वाले हीरो हैं। अगर सलमान बाहबुली के किरदार में होते तो... इस पर दर्शकों की राय है कि उनका एक्शन अलग तरह का एक्शन है। इस किरदार में शायद वह फिट नहीं बैठते। लेकिन लार्जर देन लाइफ किरदारों में सलमान की परिकल्पना की जा सकती है। लेकिन इस फिल्म से उन्हें भी सतर्क रहना होगा। फिल्म का वीएफएक्स और उसके साथ इमोशन आपको किसी और ही दुनिया में ले जाता है। फैंटेंसी की ऐसी दुनिया कहां देखने को मिलती है। मैं अपने दोस्तों के साथ इस सोच से ही आई थी कि मुझे निराशा न हो। लार्जर देन लाइफ फिल्म नज़र आये। प्रभास ने जिस तरह का एक्शन किया है वह कमाल है।

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क्या बॉलीवुड में ऐसी फिल्म की उम्मीद कर सकते हैं। इस पर एक पुरुष दर्शक की राय यह है कि बाहुबली को लेकर हम एक माइंडसेट से आये थे कि यह साउथ की फिल्म है। साउथ की फिल्मों में ऐसा अंदाज हो सकता है। बॉलीवुड को लेकर हम थोड़े लॉजिकल हो सकते हैं। तो हो सकता है कि ऐसे कई दृश्य हैं इस फिल्म में भी जो अगर हम किसी बॉलीवुड के स्टार को निभाते देखते तो हमें वह मजाक लगता। मैं शायद इसे मजाकिया अंदाज में लेने लगता। इस फिल्म में राजमौली ने एक खास बात को तवज्जो दी है कि फिल्म का इमोशनल पहलू जिंदा रखा है। इसलिए फिल्म आकर्षित करती है।

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क्लाइमेक्स को लेकर दो तरह के विचार - फिल्म के क्लाइमेक्स को लेकर दर्शकों ने काफी प्रतिक्रिया दी। कुछ दर्शकों का कहना है कि ताड़ के पेड़ के साथ सैनिकों का हमला देखते वक्त काफी बचकाने दृश्य नज़र आये। तो दूसरी तरफ कुछ दर्शकों का कहना था कि फिल्म के पहले भाग में भी बाहुबली ने जब-जब प्रशिक्षण लिया है वह पेड़ों की सहायता लेता रहता है। फिर चाहे वह गांव वालों के नदी ही क्यों नहीं बहानी पड़ी हो। ऐसे में निर्देशक ने यह लॉजिक बरकरार रखा है कि हमले के दौरान भी वह उन पेड़ों की मदद लेता है। यह निर्देशक के विजुअलाइजेशन की जीत है कि वह किस तरह दृश्यों को गढ़ पाये हैं, जहां तक हम सोच भी नहीं पाते हैं।