सैनिकों पर कमेंट के लिए ओम पुरी ने मांगी माफी और चाहते हैं ये सजा!
आर्मी को मुझे सिखाना चाहिए कि हथियार कैसे चलाए जाते हैं और मुझे ठीक उस जगह भेज देना चाहिए जहां उस बहादुर सैनिक ने शहादत दी।
By Manoj KumarEdited By: Updated: Wed, 05 Oct 2016 11:33 AM (IST)
मुंबई। भारतीय सैनिकों के खिलाफ किए गए अपने कमेंट के लिए वेटरन एक्टर ओम पुरी ने माफी मांंग ली है। इस बयान के लिए ओम की चौतरफा निंदा हो रही थी। उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें भी दर्ज करवाई गईं।
बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन को लेकर एक न्यूज चैनल पर चल रहे कार्यक्रम में बहस के दौरान ओम पुरी ने सैनिकों के बारे में कहा था- ''सैनिकों से किसने कहा सेना में भर्ती हो जाओ? उनसे किसने कहा कि हथियार उठाओ।" ओम पुरी के इस बयान के बाद हंगामा मच गया। उनकी जमकर निंदा की जाने लगी। बॉलीवुड में ओम पुरी के अच्छे दोस्त अनुपम खेर ने भी ओम के इस कमेंट की निंदा की। उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें भी दर्ज करवाई गईं।Photos: ओम पुरी ने किया सैनिकों का अपमान, जाने और सितारों के बयानअमिताभ बच्चन ने कर दी है भारी ग़ल्ती, फीका ना पड़ जाए पिंक की कामयाबी का जश्न
सब तरफ से खुद को घिरा देखकर ओम पुरी ने मंगलवार को माफी मांगी। उन्होंने कहा- ''मैंने जो कुछ कहा उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा हूं और मुझे सजा मिलनी चाहिए। मैं सबसे पहले उरी अटैक के शहीदों के परिवार से माफी मांगना चाहता हूं। अगर वो मुझे माफ कर दें, तो फिर मैं पूरे देश और आर्मी से माफी चाहता हूं। मैं जानता हूं कि ये न्यायोचित नहीं है कि पहले आप बहुत कुछ बोल जाएं और फिर सोचें कि सॉरी बोलने से सब ठीक हो जाएगा।''तमाम कंट्रोवर्सी के बीच फवाद खान को मिली खुशखबरी, बेटी के पिता बने
माफी के साथ ओम पुरी ने अपने लिए सजा की भी मांग की। वेटरन एक्टर ने कहा- ''मैं अपराधी हूं और मुझे सजा मिलनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि मेरा ट्रायल आर्मी करे। मेरा कोर्ट मार्शल होना चाहिए। मैं एक रचनात्मक सजा चाहता हूं। आर्मी को मुझे सिखाना चाहिए कि हथियार कैसे चलाए जाते हैं और मुझे ठीक उस जगह भेज देना चाहिए जहां उस बहादुर सैनिक ने शहादत दी। मुझे बख्शा नहीं जाना चाहिए। मैं देश से दरख्वास्त करता हूं कि मुझे सजा दें।''पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध स्वरा भास्कर को नहीं लगता सही ओम पुरी ने माफी तो मांग ली, मगर सेलिब्रटी होने के नाते ऐसे लोगों को संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से पहले सोचना जरूर चाहिए। खासकर तब जबकि मामला देश और फौज से जुड़ा हो।