ओम पुरी के वो 5 बयान, जिनके चलते विवादों से जुड़ा उनका नाता!
ओम पुरी ने माफ़ी मांगते हुए कहा था- ''जो मैंने कहा उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा हूं और सज़ा का हक़दार हूं, माफ़ी का नहीं। मैं पहले उरी अटैक के शहीद के परिवार से माफ़ी मांगता हूं।''
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Fri, 06 Jan 2017 03:49 PM (IST)
मुंबई। ओम पुरी के किरदारों में जो बेबाक़ी और ईमानदारी पर्दे पर नज़र आती थी, वही पर्दे के बाहर की दुनिया में भी उनके व्यक्तित्व का हिस्सा रही। शायद यही वजह है कि ओम ने जब भी किसी मुद्दे पर अपनी साफ़गोई दिखाई तो उस पर विवाद हो गया। ओम पुरी के ऐसे पांच बयान, जिन्होंने जाने-अनजाने कंट्रोवर्सी को इनवाइट किया।
1. एक लाइव टीवी शो में डिबेट के दौरान ओम पुरी ने एक शहीद आर्मी अफ़सर को लेकर कहा था- फौजियों को आर्मी ज्वाइन करने के लिए कौन कहता है? किसने कहा कि वे हथियार उठाएं? इस बयान के बाद ओम पुरी के ख़िलाफ़ केस भी दर्ज़ हुआ था। बाद में ओम ने माफ़ी मांगते हुए कहा था- जो मैंने कहा उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा हूं और सज़ा का हक़दार हूं, माफ़ी का नहीं। मैं पहले उरी अटैक के शहीद के परिवार से माफ़ी मांगता हूं। अगर वो मुझे माफ़ कर देते हैं तो मैं पूरे देश और आर्मी से माफ़ी मांगता हूं। मैं जानता हूं कि आप पहले इतना कुछ कह दें और फिर सॉरी बोलने से ठीक हो जाएगा। मैं अपराधी हूं और सज़ा मिलनी चाहिए। मैं आर्मी द्वारा सज़ा पाना चाहता हूं, मेरा कोर्ट-मार्शल होना चाहिए। मैं एक कंस्ट्रक्टिव सज़ा चाहता हूं। आर्मी मुझे हथियार चलाना सिखाए और मुझे ठीक उसी जगह भेजे जहां उस बहादुर शख़्स ने ख़ुद को देश के लिए न्यौछावर कर दिया। मैं माफ़ी नहीं चाहता। मैं देश से याचना करता हूं, मुझे सज़ा दें।'' 2. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जब अन्ना हज़ारे दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे, तब ओम पुरी ने मंच से सियासतदानों के ख़िलाफ़ तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था- ''शर्म आती है, जब कोई आईएएस या आईपीएस अफ़सर किसी गंवार नेता को सैल्यूट करता है। ये अनपढ़ हैं। इनकी क्या बैकग्राउंड है? आधे से ज़्यादा एमपी गंवार हैं।'' बाद में ओम पुरी ने गंवार शब्द का इस्तेमाल करने के लिए माफ़ी मांगी और कहा कि वो संसद और संविधान का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा था- ''मुझे भारतीय होने पर गर्व है। मुझे खुशी है कि ये आंदोलन शांतिपूर्ण था और काफी सम्मान के साथ हुआ। मुझे इस पर गर्व है।'' इसे भी पढ़ें- सनी देओल तड़प उठे अपने एसीपी डिसूज़ा की मौत पर
3. आमिर ख़ान ने जब इनटॉलरेंस को लेकर बयान दिया था कि उनका परिवार देश में बढ़ती इनटॉलरेंस की वजह से असुरक्षित महसूस करता है, तो ओम पुरी ने इस बयान पर कहा था- ''मुझे हैरानी है कि आमिर ख़ान और उनकी पत्नी ऐसा महसूस करते हैं। मुझे आमिर का बयान अतिश्योक्तिपूर्ण और असहनीय लगा। ओम पुरी ने आमिर की प्रतिक्रिया को ग़ैरज़िम्मेदाराना करार दिया था। उन्होंने कहा था कि आप एक समुदाय के लोगों को उकसा रहे हैं। उनसे कह रहे हैं, भैया, या तो तैयार हो जाओ, या मुल्क़ छोड़ दो।'' इसे भी पढ़ें- ओम पुरी को पहले से पता था अपनी मृत्यु का वक़्त? 4. गौ हत्या पर भी ओम पुरी ने बेबाक़ी से बयान दिया था। उन्होंने कहा था- ''जो लोग भी देश में गौ हत्या पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं, वो पाखंडी हैं। हम बीफ एक्सपोर्ट करके डॉलर कमाते हैं।'' 5. ओम पुरी उस वक़्त भी विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने नक्सलियों को आतंकवादी की जगह फाइटर्स कहा था। पत्रकारों से बात करते हुए ओम पुरी ने कहा था- ''वे (नक्सल) आतंकवादी नहीं हैं क्योंकि वो रास्तों पर बम लगाकर आतंक नहीं फैलाते। नक्सल फाइटर्स हैं, जो अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं। वे आम आदमी और ग़रीबों को परेशान नहीं करते।''