मिलिए 'तारे ज़मीन पर' के आमिर ख़ान समेत बॉलीवुड के 5 यादगार शिक्षकों से
इनमें से कुछ टीचर्स कॉमेडी के रंग में रंगे भी नज़र आये तो कुछ अंधेरे में रौशनी की उम्मीद जगाते भी देखे गए..
By Hirendra JEdited By: Updated: Wed, 06 Sep 2017 07:55 AM (IST)
मुंबई। हर साल पांच सितंबर देश भर में टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है। दरअसल पांच सितंबर को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्णन का जन्मदिन होता है। वो राष्ट्रपति बनने से पहले एक टीचर ही थे। इसलिए उनके जन्मदिन पर टीचर्स डे मनाने की परंपरा शुरू हुई।
बहरहाल, अगर हम भारतीय सिनेमा को देखें तो ऐसी कई फ़िल्में रही हैं, जिनमें एक शिक्षक के किरदार को बड़ी ही खूबसूरती से कथानक का हिस्सा बनाया गया है। इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे बॉलीवुड के कुछ ऐसे ही एक्टर्स की जिन्होंने बड़े पर्दे पर एक शिक्षक के किरदार को यादगार बनाया। आमिर ख़ान ने अपनी फ़िल्म 'तारे ज़मीन पर' में एक टीचर के रूप में यादगार अभिनय किया था। उन्होंने किताबों से अलग अपने एक स्टूडेंट्स को जो डिस्लेक्सिया की बीमारी से पीड़ित है उसे बेहद संवेदनशील तरीके से समझने की कोशिश की और उसकी ज़िंदगी बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी। इस फ़िल्म ने बच्चों को समझने का एक नया नज़रिया समाज को दिया।यह भी पढ़ें: 'पी है डॉन के साथ चाय', 'खरीद लिया था अवार्ड', जानें ऋषि कपूर के कुछ खुल्लम-खुल्ला कुबूलनामे
'थ्री इडियट' में डीन के रूप में बोमन इरानी ने भी बड़े पर्दे पर एक टीचर के सशक्त रूप को जीवंत किया। एक ऐसा टीचर जो काफी स्ट्रिक्ट है और हर हाल में चाहता है कि उसके स्टूडेंट्स केवल पढ़ाई पर ही फोकस करे और अच्छा करियर बनाये। बोमन इरानी के इस किरदार के कुछ तरीकों से आप असहमत हो सकते हैं लेकिन, इस बात से शायद ही कोई इंकार करे की एक टीचर के रूप में उन्होंने इस फ़िल्म में यादगार अभिनय किया।
'मोहब्बतें' में अमिताभ बच्चन भी 'गुरुकूल' की परंपरा, प्रतिष्ठा और अनुशासन को संजोने वाले डीन के किरदार में खूब जंचे हैं। बेटी की मौत को लेकर कुछ कड़वे अनुभव ने उन्हें काफी बदल दिया था। वही प्रभाव उनके किरदार में साफ़ दिखता है। इसलिए भी अमिताभ बच्चन इस फ़िल्म में अपनी भूमिका को यादगार बना गए हैं!यह भी पढ़ें: जूली2 का ट्रेलर आउट, इस बोल्ड फ़िल्म से है पूर्व सेंसर प्रमुख पहलाज निहलानी का ये कनेक्शन 'मोहब्बतें' में ही एक म्युज़िक टीचर के रूप में शाह रुख़ ख़ान ने भी ज़बरदस्त छाप छोड़ी है। अमिताभ बच्चन और शाह रुख़ का किरदार दरअसल दो अलग-अलग पीढ़ियों और विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती हैं और दोनों ने ही अपने-अपने किरदारों को बेहद ही संजीदगी से निभाया है। इसलिए अमिताभ के साथ-साथ शाह रुख़ का किरदार भी यादगार बन गया है।गुलज़ार की फ़िल्म 'परिचय' में भी जीतेंद्र ने एक टीचर के रूप में ज़बरदस्त छाप छोड़ी है। बिन मां-बाप के बच्चों को उनके घर पर ही गाइड करना और स्ट्रिक्ट दादाजी का मन बदलना जीतेंद्र के किरदार की जीत है। यक़ीनन शिक्षक को केंद्र में रखकर रची गयी 'परिचय' एक यादगार फ़िल्म है।यह भी पढ़ें: ताज़ा रिपोर्ट के हिसाब से ये हैं बॉलीवुड के 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाले स्टार्स, देखें तस्वीरें इनके अलावा भी कई एक्टर्स ऐसे हैं जिन्होंने बड़े पर्दे पर टीचर की भूमिका निभाई है। इनमें से कुछ टीचर्स कॉमेडी के रंग में रंगे भी नज़र आये तो कुछ अंधेरे में रौशनी की उम्मीद जगाते भी देखे गए। कुल मिलकर यह कहा जा सकता है कि समाज की तरह सिनेमा ने भी एक टीचर की महत्ता को बख़ूबी रेखांकित किया है! जागरण डॉट कॉम की तरफ़ से दुनिया भर के तमाम टीचर्स को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं!