क्या आप जानते हैं ऑस्कर अवॉर्ड के बारे में यह जानकारियां
हॉलीवुड के सबसे बड़े अवॉर्ड ऑस्कर की घोषणा जल्द ही की जाएगी। दुनियाभर में इस समारोह के लिए उत्सुकता बनी रहती है और हर फिल्म प्रेमी यह जानना चाहता है कि इस बार किस-किस को यह अवॉर्ड मिलेगा। इस बार किसी भारतीय फिल्म को ऑस्कर में नॉमिनेशन नहीं मिला है।
By Monika SharmaEdited By: Updated: Fri, 20 Feb 2015 08:12 AM (IST)
मुंबई। हॉलीवुड के सबसे बड़े अवॉर्ड ऑस्कर की घोषणा जल्द ही की जाएगी। दुनियाभर में इस समारोह के लिए उत्सुकता बनी रहती है और हर फिल्म प्रेमी यह जानना चाहता है कि इस बार किस-किस को यह अवॉर्ड मिलेगा। इस बार किसी भारतीय फिल्म को ऑस्कर में नॉमिनेशन नहीं मिला है। फिर भी भारत में भी इस अवॉर्ड के लिए उत्सुकता रहती है।
ऑस्कर के लिए इन दो फिल्मों में जबरदस्त होड़ ऑस्कर की घोषणा के पहले हम आपको एकेडमी अवॉर्ड्स से संबंधित कुछ रोचक जानकारियों से वाकिफ कराते हैः बंद लिफाफे में विजेताओं के नाम रखने की परंपरा 1940 में शुरू हुई थी। दरअसल उस साल लॉस एंजिल्स टाइम्स अखबार ने किसी तरह से ऑस्कर विजेताओं की सूची हासिल करके उन्हें प्रकाशित कर दिया था। तब से एकेडमी ने नामों को बंद लिफाफे में रखने की परंपरा शुरू की।
ऑस्कर जीतने वाले को 45 सेकंड के भीतर अपनी बात या भाषण को खत्म करना होता है। यह व्यवस्था 2010 में शुरू की गई थी। इसके लिए कुछ विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मसलन विजेता के हाथ में माइक आते ही ऑर्केस्ट्रा पर संगीत की धुन शुरू होती है, जो 45 सेकंड पूरा होते ही बंद हो जाती है। यह पहला संकेत होता है। इसके बाद टेलीप्रॉम्प्टर पर रिमाइंडर संदेश दिखाया जाता है, ताकि विजेता बोलना बंद कर दे। इस पर भी न रुकने पर माइक्रोफोन और माइक का म्यूट कर दिया जाता है। बॉब होप ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अब तक सबसे ज्यादा 19 बार ऑस्कर शो का संचालन किया है। इसके बाद बिली क्रिस्टल का नाम है, जिन्होंने नौ बार इस काम को अंजाम दिया है। जॉनी कार्सन तीसरे नंबर हैं और उन्होंने 5 बार संचालन किया है।
1989 तक ऑस्कर विजेता का नाम लेने से पहले एक पंक्ति कही जाती थी 'एंड द विन इज....।' इसके बाद से कहा जाने लगा 'एंड द ऑस्कर गोज टू...'। सबसे ज्यादा ऑस्कर जीतने वालों में 'वॉल्ट डिज्नी' का नाम है। उन्हें 32 ऑस्कर मिल चुके हैं और 59 बार उनका नाम नॉमिनेशन में शामिल किया जा चुका है। साल 1950 में एकेडमी ने एक नई परंपरा शुरू की। इसके तहत ऑस्कर विजेताओं से एक अनुबंध पर दस्तखत लिए जाते हैं, जिसमें वो यह वादा करते हैं कि ऑस्कर ट्रॉफी को किसी भी सूरत-ए-हाल में नहीं बेचेंगे। यदि बेचना चाहें तो केवल एकेडमी को ही बेचेंगे। 1950 से पहले इस तरह की बंदिश नहीं थी। 1992 में हैराल्ड रसेल को फिल्म 'द बेस्ट इयर्स ऑफ अवर लाइव्स' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का एकेडमी अवॉर्ड मिला था। पत्नी के इलाज का मेडिकल बिल भरने के लिए उन्होंने इस ट्रॉफी को 60,500 डॉलर में बेच दिया था। अब तक केवल तीन लोगों ने ही ऑस्कर अवॉर्ड लेने से इंकार किया है। ये कलाकार हैं: डूडले निकोल्स, जिन्हें फिल्म 'द इन्फॉर्मर' के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड मिला था। राइटर्स गिल्ड और एकेडमी अवॉर्ड से विवाद की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया था। दूसरे हैं, जॉर्ज सी. जिन्होंने 'वर्ल्ड वॉर-2' फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता था। तीसरे हैं मर्लन ब्रांडो, जिन्हें 1972 की फिल्म 'द गॉडफादर' के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था। उन्होंने नैटिव अमेरिकन्स के साथ हो रहे भेदभाव की वजह से यह अवॉर्ड लेने से इंकार कर दिया था। अब तक तीन बार ऐसे मौके आए हैं, जब ऑस्कर अवॉर्ड्स को रद्द किया गया है। पहली बार 1938 में लॉस एंजिल्स में बाढ़ की वजह से इसे रद्द किया गया था। दूसरी बार 1968 में मार्टिन लूथर किंग की शवयात्रा के लिए इसे दो दिन पहले ही आयोजित करना पड़ा था। और तीसरी बार राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की हत्या की वजह से इसे तय तारीख से एक दिन पहले आयोजित किया गया था। ऑस्कर उपनाम वाला अब तक ऐसा एक ही कलाकार हुआ है, जिसे यह अवॉर्ड मिला है। वो हैं ऑस्कर हॅमरस्टीन। उनहें बेस्ट ओरिजनल संगीत 'द लास्ट टाइम आई सॉ पेरिस' के लिए यह अवॉर्ड मिला था। यह गाना फिल्म 'लेडी बी गुड' (1941) का था।गोल्डन केला अवॉर्ड्स की दौड़ में सबसे आगे 'हमशकल्स'