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'पद्मावती' के विरोध को देखते हुए मेकर्स ने लिया ये बड़ा फ़ैसला, थम सकता है विवाद

पद्मावती को लेकर इतना हल्ला-गुल्ला होने के बाद राजस्थान के वितरक भी फ़िल्म को रिलीज़ करने में हिचकिचा रहे हैं। हालांकि अंधारे का दावा है कि सारे वितरक हमारे साथ हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Updated: Mon, 13 Nov 2017 11:09 AM (IST)
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'पद्मावती' के विरोध को देखते हुए मेकर्स ने लिया ये बड़ा फ़ैसला, थम सकता है विवाद
मुंबई। पद्मावती के मेकर्स ने अब एक ऐसा फ़ैसला किया है, जिसके बारे में जानने के बाद विरोध करने वाले तमाम लोग ख़ुश हो जाएंगे। दरअसल, मेकर्स ने तय किया है कि वो ऐसे तमाम लोगों को पद्मावती दिखाने के लिए तैयार हैं, जिन्हें फ़िल्म के कंटेंट पर संदेह है, मगर इसके लिए फ़िल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिलने तक इंतज़ार करना होगा।

पिछले काफ़ी अर्से से देशभर में पद्मावती का विरोध किया जा रहा है। राजस्थान समेत तमाम शहरों में राजपूत संगठन पद्मावती में महारानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम-प्रसंग दिखाए जाने की आशंका के चलते इसकी रिलीज़ रुकवाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक दलों ने भी मुद्दा लपक किया है, जिससे रिलीज़ पर संकट गहरा गया है। बढ़ते विरोध को देखते हुए मेकर्स ने अपनी स्ट्रेटजी बदली है और रुख़ नरम किया है। निर्माता कंपनी वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सीओओ अजीत अंधारे ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा है, ''हम इंडस्ट्री के रस्मो-रिवाज़ का पालन करते हुए अपनी फ़िल्म सीबीएफ़सी को दिखा रहे हैं। एक बार सेंसर सर्टिफिकेट मिल जाए, फिर हमें फ़िल्म को लेकर चल रही आशंकों को ख़त्म करने के लिए किसी को भी फ़िल्म दिखाने से कोई एतराज़ नहीं है। हालांकि ऐसा होता नहीं है।''

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वायाकॉम 18 ने संजय लीला भंसाली प्रोडक्शंस के साथ मिलकर फ़िल्म का निर्माण किया है और देश में वितरित भी कर रही है। फ़िल्म को लेकर कुछ संगठन सुप्रीम कोर्ट भी गये थे, मगर शीर्ष न्यायालय ने दखलंदाज़ी से इंकार करते हुए इसे सेंसर बोर्ड के ऊपर छोड़ दिया। राजस्थान सरकार ने फ़िल्म की स्क्रीनिंग के लिए एक समिति बनाने का एलान किया है।

अंधारे को विश्वास है कि सीबीएफ़सी में फ़िल्म की स्क्रीनिंग के दौरान इतिहासकारों समेत तमाम ज़रूरी और संबंधित लोग रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द सीबीएफ़सी की स्क्रीनिंग की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि 1 दिसंबर को रिलीज़ हो सके। ज़ाहिर है कि पद्मावती की रिलीज़ डेट फ़िलहाल टलने की कोई संभावना नहीं है।अजीत ने सियासी दलों के विरोध पर कहा, ''हम पहले ये बात साफ़ कर चुके हैं कि फ़िल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जो सही नही है। संजय ने वीडियो में साफ़ कर दिया था कि फ़िल्म रानी और राजपूतों के मान, सम्मान और परंपराओं को सेलेब्रेट करती है। आशंकाओं के विपरीत ये फ़िल्म पद्मावती की महान गाथा का सम्मान करती है और जैसा कि कहा जा रहा, वैसी क्रिएटिव लिबर्टी नहीं ली गयी है।''

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पद्मावती को लेकर इतना हल्ला-गुल्ला होने के बाद राजस्थान के वितरक भी फ़िल्म को रिलीज़ करने में हिचकिचा रहे हैं। हालांकि अंधारे का दावा है कि सारे वितरक हमारे साथ हैं। फ़िल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे किसी को परेशान होने की ज़रूरत हो। ये ऐसी फ़िल्म है कि एक बार रिलीज़ होने के बाद राजस्थान को भी गर्व होगा। बताते चलें कि शुक्रवार को सीबीएफ़सी चीफ़ प्रसून जोशी संजय लीला भंसाली को इस मुद्दे पर सपोर्ट कर चुके हैं।