'ला ला लैंड' को लेकर कटघरे में आये सेंसर ने 'ऐसे सीन्स ' काटे जाने पर दी सफाई
दरअसल सेंसर पर सर्टिफिकेट देने में डबल स्टैण्डर्ड रखने के आरोपों का सिलसिला पिछले साल आई रणवीर सिंह और वाणी कपूर स्टारर फिल्म ' बेफ़िक्रे ' के बाद तेज़ हुआ है।
By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Mon, 16 Jan 2017 01:41 PM (IST)
मुंबई। भारतीय सेंसर बोर्ड पर पिछले साल उंगलियां ताने जाने का सिलसिला तेज हुआ था और इस साल भी ये जारी है।ताज़ा विवाद पिछले साल रिलीज़ हुई हॉलीवुड की फिल्म ' ला ला लैंड ' को लेकर है जिसके एडल्ट सर्टिफिकेट को गलत बताया जा रहा है।
दुनिया में इस सबसे चर्चित फिल्म ला ला लैंड पिछले साल नवम्बर में रिलीज़ हुई थी। डेमियन चेसेल निर्देशित ये फिल्म हाल ही में हुए ग्लोडन ग्लोब अवॉर्ड्स में सात पुरस्कार जीत कर धूम मचा चुकी है और इस बार फिल्म को ऑस्कर की सबसे बड़ी दावेदार बताया जा रहा है। लेकिन भारत में इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से ए सर्टिफिकेट दिए जाने को लेकर काफी हो - हल्ला हुआ है। अंग्रेजी फिल्म दिवानों और फिल्म क्रिटिक्स ने सेंसर की इस बात पर आलोचना की है और ये भी कहा है कि ' ला ला लैंड ' में ऐसा कुछ अप्रत्याशित नहीं है जिसको लेकर उसे एडल्ट की श्रेणी में रखा गया। इस बीच पहलाज निहलानी ने सेंसर पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए बताया है कि इस फिल्म को यू/ ए सर्टिफिकेट देने के लिए सेंसर तैयार था लेकिन शर्त थी कि फिल्म के कई आपत्तिजनक डायलॉग्स और ' मीडिल फिंगर ' दिखाने जैसा सीन हटाना पडेगा। पहलाज निहलानी ने बताया कि इस बात पर फिल्म को इंडिया में रिलीज़ कर रही कंपनी को आपत्ति थी और उनकी रिक्वेस्ट थी कि फिल्म के बजट को देखते हुए अगर ऐसे सीन काट दिए गए तो उनको काफी नुकसान होगा। ऐसे में सेंसर को एडल्ट सर्टिफिकेट देना पड़ा।
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दरअसल सेंसर पर सर्टिफिकेट देने में डबल स्टैण्डर्ड रखने के आरोपों का सिलसिला पिछले साल आई रणवीर सिंह और वाणी कपूर स्टारर फिल्म ' बेफ़िक्रे ' के बाद तेज़ हुआ है। तब ये आरोप लगाया गया कि ढ़ेर सारे किसिंग और बोल्ड सीन्स होने के बावजूद फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट दिया गया क्योंकि उस फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा थे।