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हॉलीवुड भी है मेल Dominated : प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका ने यह भी बताया कि सिर्फ यह मेरा ही कहना नहीं है कि हॉलीवुड में भी फीस को लेकर अंतर हैं बल्कि जेनिफ़र और वहां की भी कई अभिनेत्रियों ने यह बात स्वीकारी है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Thu, 27 Apr 2017 11:31 AM (IST)
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हॉलीवुड भी है मेल Dominated : प्रियंका चोपड़ा
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. प्रियंका चोपड़ा ने यह स्वीकारा है कि हां यह सच है कि सिर्फ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, हॉलीवुड में भी मेल डोमिनेट करते हैं। प्रियंका ने स्पष्ट रूप से यह बात कही है कि पूरी दुनिया ही में ही पुरुषों का बोल बाला है।

दुनिया में हर जगह पुरुषों को अधिक मेहनताना दिया जाता है। यही वजह है कि हर जगह मेल स्टार्स को अधिक तवज्जो दी जाती है। हालांकि प्रियंका ने यह भी कहा कि अब धीरे-धीरे हर जगह अभिनेत्रियों को भी उस तरह से फिल्में मिलने लगी हैं कि उन्हें अच्छी फिल्में और अच्छे रोल मिलने लगे हैं. प्रियंका बॉलीवुड में यह श्रेय कंगना को देती हैं, जिनकी कई फिल्मों ने 100 करोड़ मार्क को पार कर दिया। फिर बॉक्स ऑफिस पर भी अब लोगों ने मान लिया कि अभिनेत्रियों की वजह से फिल्म कामयाब हो सकती है। अपनी और कंगना की फिल्म फैशन के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि "इस फिल्म में मेरी और कंगना के किरदार की तारीफ हुई। मुझे लेकर भी लोगों की सोच बदली। अब हमें ध्यान में रख कर किरदार लिखे जा रहे हैं. मेरे फैन्स आकर अब मेरी फिल्म देखते हैं. मेरे लॉयल फैन्स मेरी फिल्मों की वजह से बने हैं, क्योंकि मैंने ऐसी फिल्मों के चुनाव किये।"

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प्रियंका ने यह भी बताया कि सिर्फ यह मेरा ही कहना नहीं है कि हॉलीवुड में भी फीस को लेकर अंतर हैं बल्कि जेनिफ़र और वहां की भी कई अभिनेत्रियों ने यह बात स्वीकारी है कि वहां पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को कम पैसे दिये जाते हैं। प्रियंका आगे कहती हैं कि "मैं ये नहीं कहती कि एक्टर्स मेहनत नहीं करते. वह भी करते हैं. तो एक्ट्रेस भी करती हैं. इस बात को तवज्जो देना जरूरी है।" प्रियंका ने हाल ही में ट्रिबेका में भी जूरी की भूमिका निभाई थी।

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इस बारे में वह अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए बताती हैं कि "मैं पहली बार जूरी बनी थी और काफी खुश थी. वहां मैं काफी एक्टर्स से मिलीं. वहां मैंने काफी शॉर्ट फिल्में देखीं. वहां के स्टूडेंट्स की फिल्में भी देखीं. वहां इंडिया से भी एक फिल्म थी लेकिन फिल्म जीत नहीं पायी थी. इस बात की उन्हें तकलीफ हुई थी।