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हाई कोर्ट ने 'एमएसजी' पर नहीं लगाई रोक

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत राम रहीम की फिल्म 'एमएसजी: मैसेंजर ऑफ गॉड' का इंतजार कर रहे डेरा अनुयायी अब 13 फरवरी को इसको सिनेमाघरों में देख पाएंगे। हाईकोर्ट द्वारा फिल्म पर 3 मार्च तक रोक लगाने से इंकार करने के बाद 13 फरवरी को इसके रिलीज होने का रास्ता

By rohit guptaEdited By: Updated: Thu, 05 Feb 2015 11:26 AM (IST)
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चडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत राम रहीम की फिल्म 'एमएसजी: मैसेंजर ऑफ गॉड' का इंतजार कर रहे डेरा अनुयायी अब 13 फरवरी को इसको सिनेमाघरों में देख पाएंगे। हाईकोर्ट द्वारा फिल्म पर 3 मार्च तक रोक लगाने से इंकार करने के बाद 13 फरवरी को इसके रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है।

पढ़ें: एमएसजी के खिलाफ खुफिया रिपोर्ट

कलगीघर सेवा जत्था की ओर से दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राम रहीम, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सेंसर बोर्ड, अपील ट्रिब्यूनल, हरियाणा सरकार व यूटी प्रशासन को नोटिस जारी किया है। अभी तक फिल्म की रिलीज दो बार टल चुकी है। यदि डेरे द्वारा फिर रिलीज टालने का फैसला न लिया गया तो 13 फरवरी को यह फिल्म हरियाणा और चंडीगढ़ के सिनेमाघरों में दिखाई देगी।

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि इस फिल्म से हालात बिगड़ सकते हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि फिल्म से उन्हें आपत्ति क्या है? याचिकाकर्ता की दलील थी कि इसमें राम रहीम रॉक स्टॉर की भूमिका में हैं और संत को इस तरह फिल्मों में देखना लोगों की भावनाओं को आहत करेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति खुद को बॉलीवुड स्टार के रूप में प्रस्तुत कर सकता है और इसमें कोई बुराई नहीं है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि यदि कोई आम व्यक्ति ऐसा करे तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह मामला धर्म से जुड़ा है ऐसे में इसे संजीदगी से लिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म पर रोक लगाने के फैसले की कापी और ट्रिब्यूनल द्वारा फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ करने की प्रति कोर्ट को सौंपी। दोनों फैसलों में विरोधाभास के चलते हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर दिया। परंतु साथ ही फिल्म पर रोक न लगाने का भी फैसला लिया है जिससे फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है।

यह था मामला

कलगीधर सेवा जत्था ने फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड के नाम और राम रहीम को ईश्वर दूत दिखाने पर आपत्ति जताते हुए फिल्म पर रोक लगाने की अपील की थी। याचिका में कहा गया था कि हत्या, दुष्कर्म और साधुओं को भगवान से मिलाने के नाम पर नपुंसक बनाए जाने जैसे गंभीर आरोप झेल रहे व्यक्ति को कैसे ईश्वर दूत के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं। ऐसी प्रवृत्ति का इंसान न जाने कैसा संदेश देगा और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। फिल्म की रिलीज से पहले ही हरियाणा सरकार को सशस्त्र बलों की तैनाती करनी पड़ी है, ऐसे में हरियाणा और चंडीगढ़ में भी इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जानी चाहिए।