Exclusive: बचपन में ब्लैंक टाइप के थे रणबीर कपूर, सांप भी आ जाए तो आवाज़ नहीं निकलती थी
रणबीर ने कहा कि यह फ़िल्म बच्चों के लिए ही है और सभी को देखना चाहिए क्योंकि इसमें कोई किसिंग सीन नहीं है। ध्रूमपान नहीं है। ना ही शराब वाले दृश्य हैं।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Sun, 02 Jul 2017 06:00 PM (IST)
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। 'जग्गा जासूस' में रणबीर कपूर एक स्कूली बच्चे का किरदार निभा रहे हैं। इस किरदार के ज़रिए उन्होंने उन लम्हों को जीया है, जो बचपन में नहीं कर पाये।
रणबीर कहते हैं कि यह किरदार मेरे लिए बेहद ख़ास है। वजह यह है कि इस फ़िल्म में मैं पहली बार किसी ऐसे किरदार को निभा रहा हूं, जो हॉस्टल में रहता है। हॉस्टल का बच्चा है। मैं कभी हॉस्टल में नहीं रहा। कॉलेज लाइफ़ को भी कभी नहीं जीया। इन चीज़ों को मिस करता था और साथ ही मुझे इस बात का अनुभव नहीं रहा कि वहां की दुनिया कैसी होती है। बच्चे कैसे अपने पेरेंट्स से दूर रहते होंगे। इस फ़िल्म में उस लाइफ़ को जीया। उस उम्र के बच्चों के साथ बातें करना मज़ेदार रहा। पता चला कि बच्चे कैसी बातें करते होंगे।यह भी पढ़ें: बैंड बाजा बारात और रनिंग शादी से बिल्कुल अलग है संदीपा की बारात कंपनी
रणबीर अपने बचपन के बारे में बताते हैं कि वह शरारती बच्चा रहे हैं, लेकिन फिर भी वह बहुत बातूनी बच्चे नहीं थे। रणबीर बताते हैं कि वह कभी फ़ेल नहीं हुए हैं। ना ही उन्होंने कभी किसी टीचर का मज़ाक बनाया। रणबीर आगे कहते हैं कि वह एक्सप्रेसिव बच्चे नहीं थे। मुझे मम्मी पापा बताते थे कि मैं थोड़ा ब्लैंक टाइप का रहता था। मेरे सामने से सांप भी चला जाये, तो कभी रिएक्ट नहीं कर पाता था। मुंह से आवाज़ ही नहीं निकलती थी। बस अपने दिल पर हाथ रखकर अपनी धड़कने सुनता था। बाद में धीरे-धीरे मां के कारण मैं एक्सप्रेसिव हुआ। उन्हें सब कुछ बता देता हूं।यह भी पढ़ें: फ़िल्म प्रमोशन के लिए बीच बीच में क्लबों में थिरकेंगे हैरी और सेजल
रणबीर ने कहा कि यह फ़िल्म बच्चों के लिए ही है और सभी को देखना चाहिए क्योंकि इसमें कोई किसिंग सीन नहीं है। ध्रूमपान नहीं है। ना ही शराब वाले दृश्य हैं। यह पूरी तरह से एंटरटेनिंग फ़िल्म है, जिसे परिवार के हर सदस्य के साथ देखा जा सकता है। 'जग्गा जासूस' 14 जुलाई को रिलीज़ होगी। इसके बाद रणबीर अपनी संजय दत्त की बायोपिक में व्यस्त हो जायेंगे।