सैफ़ अली ख़ान हैं परेशान, कहना पड़ा- बदल सकता हूं बेटे तैमूर का नाम
सैफ़ अपनी पीआर टीम के साथ नाम बदलने को लेकर एक पत्र भी ड्राफ्ट कर चुके थे, लेकिन जब उन्होंने उसे पढ़ा तो वह उन्हें दयनीय लगा।
By Hirendra JEdited By: Updated: Thu, 23 Feb 2017 06:37 PM (IST)
मुंबई। पिछले साल 20 दिसंबर को करीना कपूर ख़ान ने बेटे तैमूर को जन्म दिया था और उसके बाद से ही यह स्टार किड चर्चा में है। आपको याद होगा कि सैफ़ और करीना के बेटे तैमूर के नाम को लेकर सोशल मीडिया में काफी हंगामा हुआ था। अपने ताज़ा बयान में सैफ़ अली ख़ान ने साफ़ कर दिया है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो वो तैमूर का नाम बदल सकते हैं।
गौरतलब है कि कुछ लोगों ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि एक आक्रमणकारी और अत्याचारी के नाम पर कोई अपने बेटे का नाम कैसे रख सकता है। एक अख़बार को दिए गए इंटरव्यू में सैफ़ ने मज़ाक़िया तरीक़े से कहा भी था- ''मुझे एक डिस्क्लेमर लगाना चाहिए, जैसा कि फ़िल्मों में होता है कि किसी ज़िंदा या मृत व्यक्ति से समानता पूरी तरह से संयोग माना जाए।'' लेकिन, सैफ़ ने एक बड़ा बयान और दिया है।इसे भी पढ़ें: सुपरस्टार नागार्जुन के बेटे की शादी टूटी, पिछले साल हुई थी सगाई
एक अंग्रेजी अखबार से सैफ़ अली ख़ान ने कहा है कि अब भी उनसे उनके बेटे के नाम को लेकर सवाल किया जाता है। सैफ़ का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे तैमूर का नाम बदलने को लेकर विचार किया था और उन्होंने कुछ हफ्तों तक इसके बारे में सोचा, लेकिन करीना ने ऐसा करने से रोक दिया। सैफ़ ने कहा है कि 'करीना ने कहा कि लोग आपके विचार का सम्मान करते हैं, इसलिए आप ऐसा नहीं कर सकते।' सैफ़ के मुताबिक उनकी परेशानी की वजह लोग नहीं हैं। सैफ़ ने कहा कि यह लोगों की बात नहीं है, लेकिन वे उसे मुद्दा नहीं बनाना चाहते हैं, स्कूल में भी तैमूर को नाम को लेकर दिक्कत हो सकती है। सैफ़ का कहना है कि वो अभी नाम बदलने को लेकर और सोचेंगे। सैफ़ ने यह भी बताया कि वे अपनी पीआर टीम के साथ नाम बदलने को लेकर एक पत्र भी ड्राफ्ट कर चुके थे, लेकिन जब उन्होंने उसे पढ़ा था तो वह उन्हें दयनीय लगा।
इसे भी पढ़ें: टॉप पर रही यह एक्ट्रेस ताउम्र रही अकेली, कोई पछतावा नहींसैफ़ ने यह भी कहा है कि उनकी बेटी ने कहा कि आप क्यों नहीं कहते कि 'तैमूर' का नाम 'तिमुर लंग' के नाम पर नहीं रखा गया। सैफ़ ने मजाक में हंसते हुए कहा कि 'तिमुर लंग' के एक बेटे का नाम शाह रुख़ था, यहां किसी को शाह रुख़ के नाम से दिक्कत नहीं है।