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23 साल से आजादी के लिए लड़ रहे संजय दत्त बोले-मैं आतंकी नहीं

पुणे की यरवदा जेल से रिहा होकर अभिनेता संजय दत्त मुंबई स्थित अपने घर पहुंच चुके हैं। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि आज के दिन का वो 23 सालों से इंतजार कर रहे थे।

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Thu, 25 Feb 2016 05:47 PM (IST)
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नई दिल्ली। पुणे की यरवदा जेल से रिहा होकर अभिनेता संजय दत्त मुंबई स्थित अपने घर पहुंच चुके हैं। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि आज के दिन का वो 23 सालों से इंतजार कर रहे थे। संजय दत्त के मुताबिक, '23 साल जिसके लिए मैं मरता रहा, आज वो दिन है आजादी का।' हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें इस बात का एहसास होने में थोड़ा समय लगेगा। संजय ने कहा, 'मैं 23 साल आजादी के लिए लड़ता रहा हूं। अभी भी लग रहा है जैसे पैरोल पर ही बाहर आया हूं। मैं भी आजाद व्यक्ति की तरह जीना चाहता हूं। हालांकि यह महसूस करने में बहुत समय लगेगा।' संजय ने बताया, 'मेरे लिए आज आजादी का दिन है। मगर पूरी तरह से आजाद हो जाना एक अलग एहसास है।

बहुत याद आए पिता

संजय दत्त ने भावुक होते हुए ये भी कहा कि आज उन्हें अपने पिता बहुत याद आ रहे हैं। संजय दत्त ने बताया कि उनके लिए सबसे राहत का पल वो था, जब कोर्ट ने कहा कि वो आतंकी नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे अपने पिता की बहुत याद आ रही है, जो हमेशा से ये सुनना चाहते थे। जब कोर्ट ने यह बात मुझे कही तो मैं बता नहीं सकता कि कितनी राहत महसूस हुई।'

भारतीय होने पर है गर्व

जेल से बाहर निकलते वक्त तिरंगे को सलाम करने और धरती मां को चूमने पर संजय दत्त ने कहा, 'मैं हिंदुस्तान की धरती को प्यार करता हूं, वो तिरंगा मेरी जिंदगी है। मुझे भारतीय होने पर गर्व है।' संजय दत्त ने आगे कहा, 'मैं जब भी जेल से बाहर आया, मैंने धरती को चूमा और तिरंगे को सलाम किया।' संजय के मुताबिक, उन्हें भारतीय होने पर गर्व है, इसलिए उन्होंने ऐसा किया।

रिहाई से पहले के पल

रिहाई के पहले के समय को याद करते हुए संजय दत्त ने कहा, 'कल रात मैं सोया नहीं। मैंने चार दिन से खाना नहीं खाया है। यही सोचकर कि मैं इस गेट से बाहर जाऊंगा। अपने परिवार से मिलूंगा। लौटकर कभी यहां नहीं आऊंगा।' आपको बता दें कि संजय दत्त को अवैध रूप से हथियार रखने के मामले में सजा मिली थी।

'पत्नी ने मुझसे ज्यादा सहा'

संजय दत्त ने अपनी पत्नी मान्यता के लिए कहा, 'ये मेरी बैटर नहीं बेस्ट हाफ है। मैं कभी-कभी कमजोर पड़ जाता हूं। ये मेरी ताकत है। जब भी थोड़ा गिरता हूं तो यह मुझे उठा देती हैं। मेरे हिसाब से मेरी पत्नी ने जो भोगा है वो मुझसे कहीं ज्यादा है। दो बच्चों को अकेले इन्होंने पाला है। मैं तो जेल में था। मगर बाकी निर्णय इन्हें लेना थे।' संजय दत्त के मुताबिक, उन्होंने घर पर सबसे पहले चाय पी।

मीडिया से कहा-मैं आतंकी नहीं

संजय दत्त ने मीडिया से निवेदन किया, 'मैं आतंकी नहीं हूं। टाडा के सभी आरोपों से बरी हो चुका हूं। कोर्ट ने मुझे बरी किया है। इसलिए जब कभी भी आप मेरा जिक्र करें तो मुंबई बम ब्लास्ट में मेरा नाम ना जोड़ें।' इस मौके पर संजय दत्त के बच्चे भी नजर आए।

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