जेल की सलाखों के पीछे शायर बने संजय दत्त, पैसों की कद्र करना भी सीखे
अभिनेता संजय दत्त अपनी सजा पूरी कर पुणे की यरवदा जेल से रिहा हो चुके हैं। आजाद होने के बाद उन्होंने कई बातें साझा की हैं। इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि जेल की सलाखों के पीछे वो शायर भी बन चुके हैं।
नई दिल्ली। अभिनेता संजय दत्त अपनी सजा पूरी कर पुणे की यरवदा जेल से रिहा हो चुके हैं। आजाद होने के बाद उन्होंने कई बातें साझा की हैं। इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि जेल की सलाखों के पीछे वो शायर भी बन चुके हैं। जी हां, संजय ने बताया, 'जेल के मेरे दो साथियों समीर और जिशान से मुझे शायरी करने के लिए प्रोत्साहित किया। लगभग 500 शायरी मैं लिख चुका हूं, जिन्हें शायद मैं किताब की शक्ल दूंगा।'
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संजय ने ये भी स्वीकार किया कि वो जेल में पैसों की कद्र करना भी सीख चुके हैं। उन्होंने बताया, 'मैं जेबखर्च के 2,000 रुपए में से 20 रुपए इमर्जेंसी के लिए महीने की शुरूआत में ही बचा लेता था।' वहीं संजय ने अपने नए हेयरस्टाइल पर चर्चा करते हुए बताया कि जेल में धारावी के एक कैदी मिश्रा जी को नाई का काम दिया गया था और उन्होंने ही एक बार हेयरकट के लिए उन पर जोर दिया था।
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संजय के मुताबिक, मिश्रा जी ने उनसे कहा कि वो उन्हें सबसे अच्छा हेयरस्टाइल देंगे और संजय वाकई में उनसे काफी प्रभावित हुए। आपको बता दें कि गुरुवार को जेल से रिहा होने के बाद संजय अपनी मान्यता के साथ पुणे से मुंबई पहुंचे और सबसे पहले सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन कर फिर मां नर्गिस की कब्रगाह पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उसके बाद घर पहुंचकर एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने कई अनुभव साझा किए।
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