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पंजाबी सिनेमा के अमिताभ बच्‍चन क्‍यों मांग रहे हैं माैत की दुआ?

इन्‍हें कभी पंजाबी सिनेमा का 'अमिताभ बच्चन' कहा जाता था। आज वो गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। बात कर रहे हैं अभिनेता सतीश कौल की, जो माेहाली के पास एक अस्‍पताल में भर्ती हैं, मगर उनका हालचाल पूछलने वाला कोई नहीं है। अस्‍पताल प्रशासन ही उनकी देखभाल कर

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Mon, 22 Jun 2015 05:06 PM (IST)
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मुंबई। इन्हें कभी पंजाबी सिनेमा का 'अमिताभ बच्चन' कहा जाता था। आज वो गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। बात कर रहे हैं अभिनेता सतीश कौल की, जो माेहाली के पास एक अस्पताल में भर्ती हैं, मगर उनका हालचाल पूछलने वाला कोई नहीं है। अस्पताल प्रशासन ही उनकी देखभाल कर रहा है।

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एक समय था, जब सतीश कौल के लाखों प्रशंसक हुआ करते थे। लोग उन्हें पंजाबी सिनेमा का अमिताभ बच्चन कहते थे। उनके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, मगर आज कुछ भी नहीं है। ना ही वो प्रशंसक और ना ही वो धन-दौलत। पूरी तरह से अस्पताल प्रशसन की देखभाल पर हैं।

वक्त-वक्त पर उन्हें अपनी जिदंगी संवारने के मौके भी मिलते रहे, लेकिन बात बन नहीं पाई। 2013 में चैनल 'पीटीसी' ने सतीश कौल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया था। उन्होंने जीवन यापन के लिए एक एक्टिंग स्कूल भी खोला था, लेकिन वह चल नहीं सका।

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सतीश कौल अपना घर भी नहीं बसा सके, क्योंकि वो फिल्मों में खूब काम किया करते थे। उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। बॉलीवुड में भी नजर आए हैं। उन्होंने 'भक्ति में शक्ति', 'डांस डांस', 'राम लखन' जैसी फिल्में की हैं। आखिरी बार वो 'प्यार तो होना ही था' में दिखे थे, जो 1998 में रिलीज हुई थी। बॉलीवुड से ज्यादा वो पंजाबी सिनेमा में लोकप्रिय थे।

सतीश कौल इन दिनों डिप्रेशन में हैं। कहा जाता है कि किसी ने उन्हें चार महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया था, तब से कोई भी उनसे मिलने नहीं आया है। अब तो वो अपनी मौत की दुआ मांगते देखे जाते हैं। वाकई में फिल्म इंडस्ट्री का यह एक कड़वा सच है। जब तक किसी कलाकार के सितारे बुलंद होते हैं, हर कोई पूछता है और गर्दिश में जाते ही कोई पूछने वाला नहीं होता है और ऐसे ही वो एक दिन गुमनामी में दम तोड़ देता है।