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अक्षय और सलमान देखते रह गए, शाह रुख़ ले उड़े उनकी 'गर्लफ्रेंड्स'

कहते हैं- पूत के पांव पालने में ही नज़र आ जाते हैं। शाह रुख़ ने अपना ये Wife या Girlfriend Stealer वाला अंदाज़ करियर की शुरुआत में ही दिखाना शुरू कर दिया था।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Fri, 07 Jul 2017 08:41 AM (IST)
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अक्षय और सलमान देखते रह गए, शाह रुख़ ले उड़े उनकी 'गर्लफ्रेंड्स'
मुंबई। शाह रुख़ ख़ान को पर्दे पर किंग ऑफ़ रोमांस कहा जाता है। पर्दे पर वो जिस तरीक़े से अपनी लीडिंग लेडीज़ को प्यार करते हैं, उनका ध्यान रखते हैं, उनके लिए ज़माने से लड़ जाते हैं, उसने शाह रुख़ को ये ख़िताब दिलाया है। मगर, ये भी इत्तेफ़ाक़ है कि कुछ फ़िल्मों में शाह रुख़ ने ऐसे किरदार निभाए हैं, जब किसी और की प्रेमिका को शाह रुख़ ने चुराने की कोशिश की। कुछ में कामयाब रहे, तो कुछ में मायूसी हाथ लगी। 

कहते हैं- पूत के पांव पालने में ही नज़र आ जाते हैं। शाह रुख़ ने अपना ये Wife या Girlfriend Stealer वाला अंदाज़ करियर की शुरुआत में ही दिखाना शुरू कर दिया था। 1994 में आयी 'दीवाना' में दिव्या भारती ने ऋषि कपूर की पत्नी का रोल निभाया था। कहानी ऐसा मोड़ लेती है कि शाह रुख़, दिव्या की ज़िंदगी में आ जाते हैं और आख़िरकार दिव्या उनके साथ ही जाती है। 1994 में आयी केतन मेहता की फ़िल्म 'माया मेमसाब' में दीपा साही ने फ़ारुक़ शेख की पत्नी का किरदार निभाया था। इस फ़िल्म में भी शाह रुख़ और दीपा के किरदारों के बीच पैशनेट रिलेशनशिप डेवलप हो जाती है।

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1993 में रिलीज़ हुई यश चोपड़ा की 'डर' में शाह रुख़ ने एक साइको-लवर का रोल निभाया था, जो जूही चावला के किरदार का दीवाना होता है। इस फ़िल्म में जूही के पति के रोल में सनी देओल थे। शाह रुख़ का किरदार जूही को पाने की तमाम कोशिशें करता है, मगर कामयाब नहीं हो पाता।

'डर' में शाह रुख़ का जो अंजाम हुआ, उसके बावजूद वो बाज़ नहीं आए और 1994 में ही आयी 'अंजाम' में वो माधुरी दीक्षित पर फ़िदा हो जाते हैं, जो दीपक तिजोरी की बीवी के रोल में होती हैं। इसके बाद शाह रुख़, माधुरी को दीपक से छीनने के लिए उनके पीछे पड़ जाते हैं। '1997' में रिलीज़ हुई राकेश रोशन की फ़िल्म में वैसे तो शाह रुख़ ने एक म्यूट करेक्टर निभाया था, मगर फ़िल्म में उनका दिल माधुरी दीक्षित पर आ जाता है, जो अमरीश पुरी की पत्नी के रोल में थीं। 

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1997 में ही आई सुभाष घई की फ़िल्म 'परदेस' में शाह रुख़ का ये अंदाज़ जारी रहा। इस फ़िल्म में डेब्यूटेंट महिमा चौधरी अपूर्व अग्निहोत्री की मंगेतर होती हैं, पर शाह रुख़ यहां भी महिमा के प्यार में पड़ जाते हैं। यश चोपड़ा की फ़िल्म 'दिल तो पागल है' 1997 में ही रिलीज़ हुई थी। इत्तेफ़ाक़ देखिए, इस फ़िल्म में भी शाह रुख़ माधुरी को अक्षय कुमार से छीन लेते हैं। अक्षय ने फ़िल्म में माधुरी के फ़ियांसे के किरदार में स्पेशल एपीयरेंस दी थी।

1998 में करण जौहर ने 'कुछ कुछ होता है' से डायरेक्टोरियल डेब्यू किया। इस फ़िल्म में रानी मुखर्जी शाह रुख़ की पत्नी के रोल में होती हैं, मगर उनकी डेथ के बाद शाह रुख़ अपनी कॉलेज फ्रेंड काजोल से मिलते हैं, जिनकी सलमान ख़ान से शादी होने वाली होती है, मगर यहां भी शाह रुख़ काजोल को सलमान से छीन ले जाते हैं।

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करण जौहर की 2006 में आयी फ़िल्म 'कभी अलविदा ना कहना' में शाह रुख़ और प्रीति ज़िंटा पति-पत्नी के रोल में थे, जबकि अभिषेक और रानी मुखर्जी ने हज़्बैंड-वाइफ़ का किरदार निभाया था। हालात ऐसे बनते हैं कि शाह रुख़ प्रीति को छोड़ रानी की तरफ़ आकर्षित हो जाते हैं।

देखा जाए, तो 'ओम शांति ओम' में भी शाह रुख़ दूसरे की मंगेतर को अपना बनाने के चक्कर में रहते हैं। फ़िल्म में दीपिका पादुकोण का किरदार अर्जुन रामपाल के साथ इंगेज्ड होता है, मगर शाह रुख़ भी उनको प्यार करते हैं। हालांकि ये प्यार एकतरफ़ा होता है।