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Exclusive: शाह रूख़ ख़ान के करियर को बर्बाद कर सकती थी ये फ़िल्म!

ये फ़िल्म किंग ख़ान के करियर के लिए एक बड़ा रिस्क थी, क्योंकि फ़िल्म के फ्लेवर आम मसाला फ़िल्मों से अलग था।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Thu, 10 Nov 2016 11:20 PM (IST)

मुंबई। बॉलीवुड में अपने किरदारों और फ़िल्मों से जितना एक्सपेरीमेंट शाह रूख़ ख़ान ने किया है, उतना शायद ही किसी दूसरे एक्टर ने किया हो। उनके फ़िल्मी सफ़र में कई ऐसे मोड़ आए, जब किंग ख़ान ने ऐसे रास्ते को चुना, जो उनकी मंज़िल को उनसे दूर कर सकता था, मगर हर फ़ैसले ने इस बाज़ीगर को मंज़िल के क़रीब ही पहुंचाया। ऐसा ही एक फ़ैसला था मणि रत्नम की फ़िल्म दिल से...!

राइटर-डायरेक्टर समर ख़ान ने शाह रूख़ ख़ान के फ़िल्मी सफ़र पर एसआरके- 25 ईयर्स ऑफ़ ए लाइफ़ नाम से एक बुक लिखी है, जिसे हाल ही में ख़ुद शाह रूख़ ख़ान ने मुंबई में रिलीज़ किया। इस बुक में समर ने शाह रूख़ के साथ काम कर चुके डायरेक्टर्स से बातचीत के आधार पर उनके फ़िल्मी सफ़र को कवर किया है। शाह रूख़ के करियर की माइल स्टोन फ़िल्म है दिल से... जिसे मणि रत्नम ने डायरेक्ट किया था। इस फ़िल्म में शाह रूख़ ने मनीषा कोइराला जैसी दमदार एक्ट्रेस के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था, जबकि प्रीति ज़िंटा ने एक बब्ली गर्ल के रोल में बॉलीवुड में एंट्री ली।

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ये फ़िल्म किंग ख़ान के करियर के लिए एक बड़ा रिस्क थी, क्योंकि फ़िल्म का फ्लेवर आम मसाला फ़िल्मों से अलग था। उस वक़्त शाह रूख़ बतौर रोमांटिक हीरो ख़ुद को बॉलीवुड में स्थापित कर चुके थे। ऐसे में दिल से... की ट्रेजिक कहानी को दर्शक ठुकरा सकते थे। मगर जो रिस्क ना ले, वो शाह रूख़ ही क्या!

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उस दौर का ज़िक्र करते हुए मणि कहते हैं- ''जिस वक़्त हमने निर्णय लिया था कि हम दोनों एक साथ काम करेंगे। सारी इंडस्ट्री हैरान थी। मैं 'रोज़ा' जैसी फ़िल्में बनाने वाला निर्देशक हूं और शाह रूख़ रोमांटिक हीरो हैं। फिर हम दोनों एक साथ किसी फ़िल्म पर क्या काम कर पाएंगे, लेकिन मुझे याद है, हम जब मिले। हमने तय किया कि हम इन बातों पर ध्यान ही नहीं देंगे।''

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मणि आगे बताते हैं- ''हम दिल्ली में 26 जनवरी की परेड को शूट कर रहे थे और वहां शाह रूख़ की फैन फॉलोइंग इस कदर थी कि हम शूट ही नहीं कर पाते थे। फिर एक दिन हमने सुबह 4. 30 का समय तय किया। मैंने देखा शाह रूख़ बिलकुल वक़्त पर थे। शाह रूख़ काफी इनोवेटिव ऐक्टर हैं और वह शूटिंग के वक़्त भी आइडियाज़ देते रहते हैं और साथ ही यह बात दोहराते हैं। अच्छा तुम्हें आइडिया पसंद नहीं आया, कोई बात नहीं। मैं अपनी फ़िल्म में इस्तेमाल करूंगा।''