Exclusive इंटरव्यू: संजय दत्त के साथ काम करने वाले सिद्धांत ने क्यों कहा शाहरुख़ से सीखो
टेलीविजन एक्टर का टैग फिल्में करने के दौरान कई बार बाधक भी बनता है, इस बारे में सिद्धांत कहते हैं कि ऐसे लोगों की सोच को शाहरुख खान की कामयाबी जवाब है।
By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Thu, 07 Sep 2017 11:56 AM (IST)
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। सिद्धांत गुप्ता, बॉलीवुड में अपनी पहली पारी की शुरुआत संजय दत्त की फिल्म भूमि से करने वाले हैं। वो टीवी सीरियल में काम कर चुके हैं और उन लोगों को शाहरुख़ से सीखने की नसीहत दे रहे हैं जो कहते हैं कि टीवी वाले फिल्म में होंगे तो कुछ नहीं मिलेगा।
ऐसी मिली भूमिसिद्धांत का टीवी शो 'टशन ए इश्क' काफी कामयाब रहा था। वह शो में कुंज की भूमिका में थे। सिद्धांत बताते हैं कि भूमि के निर्देशक ओमंग कुमार से उनकी मुलाकात यूं ही कुछ पार्टियों में हुई थी। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उन्हें इनकी फिल्म में काम करने का मौका मिलेगा। फिर एक दिन उन्हें टीम से कॉल आया कि मेरा लुक टेस्ट लेंगे। फिर अदिति के साथ मेरा लुक टेस्ट हुआ और नाम फाइनल हुआ। सिद्धांत फिल्म में अदिति राव हैदरी के अपोजिट हैं। वो इस बात से बेहद खुश हैं कि उन्हें संजय दत्त के साथ काफी वक्त गुजारने का मौका मिला।
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पहले दिन थे नर्वसशूटिंग के पहले दिन के अपने अनुभव को शेयर करते हुए सिद्धांत बताते हैं कि पहले दिन मैं नर्वस था। सामने संजय दत्त थे। फिर संजय सर ने आकर मुझे कहा कि नर्वस होने की जरूरत नहीं है, आराम से काम करो। इसके बाद मैं सहज हो गया। संजय के बारे में सिद्धांत बताते हैं कि वह भले ही सीरियस दिखते हैं लेकिन रियल लाइफ में आॅफ स्क्रीन तो हम काफी हंसी मजाक करते थे। हाल ही में जब मेरा गाना आया तो उन्होंने मुझे फोन करके बधाई दी और कहा कि तुमने अच्छा काम किया है। फिर फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद भी हम कई बर संजय सर के घर पर खाने पर जा चुके हैं। भूमि के सेट पर पहला दिन जब मैंने संजय सर को मॉनिटर में एक्ट करते देखा तो मैं खुद पर विश्वास नहीं कर पा रहा था कि मैं जिनकी फिल्में देख कर बड़ा हुआ हूं. वह यहां मेरे सामने हैं और मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिलने जा रहा है। संजय सर ने एक सीनियर होने के नाते मुझे समझाया कि पहले और अब की एक्टिंग की इंडस्ट्री में बहुत फर्क है। अब बहुत सारे स्टार्स हैं. पहले की तरह पांच-छह नहीं है, इसलिए मेहनत अधिक करना। सोच समझ कर फिल्में करना। भेड़-चाल में शामिल नहीं होना।पायलट बनने घर से निकले थे सिद्धांतसिद्धांत बताते हैं कि वह जब अपने शहर जम्मू -कश्मीर से निकले थे तो उनका सपना कोई एक्टिंग करने का नहीं था, बल्कि वह तो पॉयलेट बनने दिल्ली गये थे। बाद में उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें इसमें मजा नहीं आ रहा है. सो, उन्होंने तय किया कि वह कुछ अलग करेंगे और फिर वह मॉडलिंग से जुड़ गये। टेलीविजन एक्टर का टैग फिल्में करने के दौरान कई बार बाधक भी बनता है, इस बारे में सिद्धांत कहते हैं कि ऐसे लोगों की सोच को शाहरुख खान की कामयाबी जवाब है। सिद्धांत को एक्टिंग के अलावा बास्केटबॉल और स्विमिंग जैसे स्पोर्ट्स में काफी दिलचस्पी है।लोगों की सोच बदलनी पड़ेगीजिस शहर से वह आये हैं, वह हमेशा ही सुर्खियों में बने रहता है। ऐसे में उन्हें अगर मौका मिले तो वह अपने राज्य के लिए क्या करना चाहेंगे? इस पर सिद्धांत कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि वहां के लोगों की मानसिकता बदले। वहां के लोग फिल्मों को या एक्टिंग को अच्छी बात नहीं समझते। लड़के पापा के बिजनेस को संभालने में दिलचस्पी लेते हैं। एक रिलेटिव ने तो आकर मुझसे कहा कि मेरा बेटा आपकी तरह एक्टिंग करना चाहता है, लेकिन हम उसे उस गंदगी में नहीं भेजेंगे। सिद्धांत इस सोच को बदलना चाहते हैं। सिद्धांत कहते हैं कि अगर उन्होंने मेहनत करके एक बड़ा मुकाम हासिल किया तो उन्हें उम्मीद है कि उनके राज्य के लोग उन्हें मिसाल मान कर बच्चों को इस दिशा में बढ़ावा देंगे।यह भी पढ़ें:जानिये कौन सी है सनी देओल की सबसे जल्दी शूट होने वाली फिल्म सिद्धांत ने बताया कि उन्होंने भूमि की शूटिंग के दौरान आगरा से जुड़े छोटे-छोटे गांव को भी खूब एक्सप्लोर किया. फिर वहां के लोकल कल्चर को भी समझने की कोशिश की।