सिख समुदाय ने की तारक मेहता का उल्टा चश्मा को बैन करने की मांग
बता दें कि साल 2008 में शुरू हुए शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा को जबरदस्त लोकप्रियता मिली है और ये शो अक्सर टीआरपी की लिस्ट में टॉप 10 में रहता है।
By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Tue, 19 Sep 2017 11:52 AM (IST)
मुंबई। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने छोटे परदे पर लम्बे समय तक चलने वाले सीरियल्स में से एक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत किये जाने का आरोप लगाते हुए इस शो को तुरंत बंद करने की मांग की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक बयान में एसजीपीसी के प्रमुख किरपाल सिंह बडूनगर ने सीरियल के एक एपिसोड में सिखों के दसवें गुरू गुरूगोविन्द सिंह जी के जीवंत किरदार को दिखाया गया है , जो सिख समुदाय की सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है और इससे समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इस तरह कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोई भी कलाकार गुरुगोविंद सिंह को जीवंत रूप से नहीं पेश कर सकता। सिख समुदाय की सर्वोच्च संस्था ने चैनल और शो बनाने वालों को सख्त चेतावनी दी है। इस बीच शो में बबिता का रोल निभाने वाली मुनमुन दत्ता ने कहा है कि कुछ गलतफहमी है। इस बीच शो के निर्माताओं की तरफ़ से एक ट्विट भी किया गया है।
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— TMKOC (@TMKOC_NTF) September 15, 2017
बता दें कि साल 2008 में शुरू हुए शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा को जबरदस्त लोकप्रियता मिली है और ये शो अक्सर टीआरपी की लिस्ट में टॉप 10 में रहता है। शो में दिलीप जोशी, दिशा वकानी और शैलेश लोढ़ा की मुख्य भूमिकाएं हैं।