किक और सिंघम रिटर्न्स को पास कराने के लिए दी गई थी रिश्वत?
सेंसर बोर्ड के सीईओ राकेश कुमार की गिरफ्तारी ने फिल्मों से सर्टिफिकेट आवंटन में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार का पिटारा खोल दिया है। सीबीआइ के अनुसार बॉबी जासूस, सिंघम रिटर्न्स और किक जैसी बड़ी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक को भी सेंसर बोर्ड में चढ़ावा चढ़ाना पड़ा था। वैसे सीबीआइ ने साफ कर दिया है कि बिना शिकायत या सुबूत के इनकी जांच शुरू नहीं की जा सकती है।
By Edited By: Updated: Wed, 20 Aug 2014 09:22 AM (IST)
नई दिल्ली। सेंसर बोर्ड के सीईओ राकेश कुमार की गिरफ्तारी ने फिल्मों से सर्टिफिकेट आवंटन में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार का पिटारा खोल दिया है। सीबीआइ के अनुसार बॉबी जासूस, सिंघम रिटर्न्स और किक जैसी बड़ी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक को भी सेंसर बोर्ड में चढ़ावा चढ़ाना पड़ा था। वैसे सीबीआइ ने साफ कर दिया है कि बिना शिकायत या सुबूत के इनकी जांच शुरू नहीं की जा सकती है।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेंसर बोर्ड में सभी काम दलालों को नेटवर्क के सहारे होता था और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगती थी। करोड़ों रुपये का निवेश करने वाले निर्माताओं के लिए तय तिथि पर फिल्म को रिलीज करना पहली प्राथमिकता होती थी। इसके लिए वे चली आ रही परिपाटी के तहत सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को रिश्वत की रकम पहुंचा देते थे।सीबीआइ को मिली जानकारी के अनुसार अजय देवगन की सिंघम रिटर्न्स, विद्या बालन की बॉबी जासूस और सलमान खान की किक के निर्माताओं ने भी राकेश कुमार को रिश्वत दी थी। लेकिन समस्या यह है कि इन मामलों में कोई न तो किसी ने शिकायत की है और न ही सीबीआइ के पास रिश्वत देने का कोई सुबूत है। हालांकि, जनवरी में पदभार संभालने वाले राकेश कुमार के कार्यकाल के दौरान रिलीज होने वाली सभी फिल्मों पर सीबीआइ की नजर है। गौरतलब है कि सीबीआइ ने राकेश कुमार को एक छत्ताीसगढ़ी फिल्म को रिलीज करने की अनुमति देने के बदले 70 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सोमवार को ही गिरफ्तार किया है। रिश्वत की यह रकम सेंसर बोर्ड के दो दलालों के माध्यम से लिया जा रहा था, जिन्हें सीबीआइ पहले ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर चुकी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राकेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और इससे घोटाले में अहम सुराग मिल सकता है।
सीईओ के पद से निलंबित :सेंसर बोर्ड में शीर्ष पर रिश्वतखोरी का खुलासा होने के बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय सक्रिय हो गया है। इसके सीईओ राकेश कुमार के गिरफ्तार होने के बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया है। अब बाल फिल्म समिति के सीईओ श्रवण कुमार ही यह अतिरिक्त जिम्मेवारी संभालेंगे। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संगठन के कामकाज में पारदर्शिता लाने के सभी उपाय करने को कहा है।