आज़ादी के परवाने भगत सिंह का बॉलीवुड दीवाना, 70 साल में बन चुकी हैं 7 फ़िल्में
हिंदी सिनेमा का इतिहास उठाकर देखें तो सरदार भगत सिंह पर पहली फ़िल्म आज़ादी के 7 साल बाद 1954 में ही आ गयी थी।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Tue, 15 Aug 2017 03:37 PM (IST)
मुंबई। आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान की आहुति देने वालों की फ़ेहरिस्त काफ़ी लंबी है, मगर इनमें सरदार भगत सिंह की जगह ख़ास है। आज़ादी, देश और समाज को लेकर भगत सिंह की विचारधारा ने उन्हें शहीदे-आज़म बना दिया।
यही वजह है कि हिंदी सिनेमा का पर्दा इस महान क्रांतिकारी की आभा से कभी उभर नहीं पाया और सिनेमा के अलग-अलग दौर में भगत सिंह की कहानी सिल्वर स्क्रीन पर आती रही। आज़ादी की 70वीं सालगिरह पर भगत सिंह बनने वाले 7 एक्टर्स- हिंदी सिनेमा का इतिहास उठाकर देखें तो सरदार भगत सिंह पर पहली फ़िल्म आज़ादी के 7 साल बाद 1954 में ही आ गयी थी। इस ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्म का नाम था 'शहीदे-आज़म भगत सिंह'।
इस फ़िल्म को जगदीश गौतम ने डायरेक्ट किया था, जबकि प्रेम अदीब जयराज और स्मृति बिस्वास ने लीड रोल्स निभाये थे। जयराज चंद्रशेखर आज़ाद के रोल में थे तो प्रेम ने भगत सिंह का किरदार प्ले किया था।1963 में शम्मी कपूर पर्दे पर शहीद भगत सिंह बनकर आये। शहीद भगत सिंह शीर्षक से बनी फ़िल्म को केएन बंसल ने डायरेक्ट किया था, जबकि शकीला, प्रेमनाथ, उल्हास और अचला सचदेव ने मुख्य किरदार निभाये थे।यह भी पढ़ें: नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के बेटे ने लिया कृष्ण का रूप, लोगों ने दी चेतावनीइसके दो साल बाद 1965 में मनोज कुमार की शहीद बनायी, जिसमें उन्होंने ख़ुद सरदार भगत सिंह का रोल निभाया। इस फ़िल्म को एस राम शर्मा ने डायरेक्ट किया था। प्रेम चोपड़ा और अनंत पुरुषोत्तम ने सहयोगी किरदार अदा किये। शहीद बेहद कामयाब रही और कई अवॉर्ड्स से नवाज़ी गयी।इसके बाद कई दशक के लिए भगत सिंह हिंदी सिनेमा के पर्दे से ग़ायब हो गए। 2002 में ये महान किरदार फिर लौटा, वो भी एक नहीं तीन-तीन फ़िल्मों के साथ। 2002 में भगत सिंह पर तीन फ़िल्में आयीं। गुड्डू धनोआ डायरेक्टेड 23 मार्च 1931- शहीद में बॉबी देओल भगत सिंह बने। इसी फ़िल्म में सनी देओल ने चंद्रशेखर आज़ाद की भूमिका निभायी। यह भी पढ़ें: यमला पगला दीवाना 3 में नज़र आएगा शोले का ये आइकॉनिक सीनराजकुमार संतोषी निर्देशित द लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह में अजय देवगन ने सरदार भगत सिंह का किरदार निभाया। इस फ़िल्म के लिए अजय को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला।2002 में भगत सिंह पर तीसरी फ़िल्म आयी शहीदे-आज़म, जिसमें सोनू सूद ने अमर क्रांतिकारी का किरदार निभाया। इस फ़िल्म को सुकुमार नायर ने डायरेक्ट किया था।यह भी पढ़ें: आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ चुकीं गुल पनाग ने अब किया ये बड़ा कामराकेश ओमप्रकाश मेहरा की 2006 की फ़िल्म रंग दे बसंती वैसे तो तीन दोस्तों की कहानी है जो राजनीतिक भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एलाने-जंग करते हैं, मगर फ़िल्म के स्क्रीनप्ले में चारों मुख्य किरदारों की तुलना देश के चार महान क्रांतिकारियों से की गयी। इनमें आमिर ख़ान चंद्रशेखर आज़ाद, सिद्धार्थ भगत सिंह, शरमन जोशी राजगुरु और कुणाल कपूर अशफ़ाक़उल्ला खां के रूप में दिखे।