कौन कहता है नाच-गाना ज़रूरी है, इन फ़िल्मों को देखकर तो ऐसा नहीं लगता
बॉलीवुड में बिना गानों वाली फ़िल्में बनाने की परम्परा की शुरुआत 60 के दशक में बीआर चोपड़ा की फ़िल्म क़ानून से मानी जाती है।
2003 में आयी राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म 'भूत' सुपरनेचुरल हॉरर फ़िल्म है। इसके प्रमोशन के लिए एक गाना बनाया गया था, मगर फ़िल्म के नेरेटिव में एक भी गाना नहीं डाला गया। फ़िल्म में अपनी दमदार एक्टिंग के लिए उर्मिला मातोंडकर को कई अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया था। इसी साल रिलीज़ हुई प्रवाल रमन की हॉरर फ़िल्म 'डरना मना है' में गानों का इस्तेमाल नहीं किया गया था। फ़िल्म में सैफ़ अली ख़ान, विवेक ओबेरॉय, आफ़ताब शिवदसानी, शिल्पा शेट्टी, समीरा रेड्डी और नाना पाटेकर मुख्य किरदार निभाते हुए देखे गये। 1999 में रिलीज़ हुई राम गोपाल वर्मा की सायकलॉजीकल थ्रिलर फ़िल्म 'कौन' में गाने नहीं थे। फ़िल्म में मनोज बाजपेयी और उर्मिला मातोंडकर ने लीड रोल्स निभाये थे।
यह भी पढ़ें: किसी ने बेचा ताज महल तो किसी ने लगाया गर्लफ्रेंड्स को चूना, ये हैं ठग्स ऑफ़ बॉलीवुड
1983 की कल्ट-क्लासिक फ़िल्म 'जाने भी दो यारों' ब्लैक कॉमेडी फ़िल्म है। इस फ़िल्म को कुंदन शाह ने डायरेक्ट किया था, जबकि नसीरूद्दीन शाह, रवि वासवानी, पंकज कपूर और सतीश कौशिक ने मुख्य किरदार निभाये थे। इस फ़िल्म में भी सांग और डांस सीक्वेंसेज़ को स्पेस नहीं मिला। श्याम बेनेगल की 1981 की फ़िल्म 'कलयुग' महाभारत से प्रेरित फ़िल्म थी, जिसकी कहानी दो परिवारों की कारोबारी प्रतिद्वंद्विता के इर्द-गिर्द घूमती है। फ़िल्म में शशि कपूर, रेखा और राज बब्बर ने मुख्य किरदार निभाये थे।
यह भी पढ़ें: बारिश ने बॉलीवुड को भी ख़ूब भिगोया है, जानिए 5 आइकॉनिक सींस के बारे में
वैसे बॉलीवुड में बिना गानों वाली फ़िल्में बनाने की परम्परा की शुरुआत 60 के दशक में बीआर चोपड़ा की फ़िल्म 'क़ानून' से मानी जाती है। इस इंगेजिंग कोर्टरूम ड्रामा में अशोक कुमार, राजेंद्र कुमार और नंदा ने मुख्य किरदार निभाये थे। भारतीय सिनेमा की ये दूसरी बिना गानों वाली फ़िल्म मानी जाती है। पहली बार ये प्रयोग 1954 में आयी तमिल फ़िल्म Andha Naal में किया गया था।
'क़ानून' के बाद 1969 में बीआर चोपड़ा के भाई यश चोपड़ा ने गानों के बिना 'इत्तेफ़ाक़' बनायी। इस थ्रिलर फ़िल्म में राजेश खन्ना और नंदा ने लीड रोल्स निभाये थे। ये ब्रिटिश फ़िल्म 'साइनपोस्ट टू मर्डर' का हिंदी रीमेक थी। अब 'इत्तेफ़ाक़' को भी रीमेक किया जा रहा है, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा मुख्य किरदारों में हैं।