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खुलकर जिंदगी जीना सिखाएंगे तिग्मांशु धूलिया

पान सिंह तोमर के बाद से लगातार सफल फिल्में बना रहे हैं तिग्मांशु धूलिया। अब सैफ के साथ वह लेकर आ रहे हैं 'बुलेट राजा'। कहा जा रहा है कि यह उनकी अब तक की सबसे मसाला फिल्म है। तिग्मांशु फिल्म के बारे में शुरुआत सैफ, जिम्मी शेरगिल और विद्युत जाम्बाल के किरदारों के जे

By Edited By: Updated: Fri, 29 Nov 2013 02:37 PM (IST)
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मुंबई। पान सिंह तोमर के बाद से लगातार सफल फिल्में बना रहे हैं तिग्मांशु धूलिया। अब सैफ के साथ वह लेकर आ रहे हैं 'बुलेट राजा'। कहा जा रहा है कि यह उनकी अब तक की सबसे जोरदार मसाला फिल्म है।

तिग्मांशु फिल्म के बारे में शुरुआत सैफ, जिम्मी शेरगिल और विद्युत जाम्बाल के किरदारों के जेनेसिस से करते हैं। वह बताते हैं, 'सैफ राजा मिश्रा, जबकि जिम्मी रूद्र का रोल प्ले कर रहे हैं। विद्युत इंस्पेक्टर रोशन मुन्ना की भूमिका में हैं। राजा और रूद्र जिगरी दोस्ती हैं। मैंने दरअसल, बचपन से ऐसे गैंगस्टर की कहानियां सुनी थी, जो बड़े रंगीन मिजाज हुआ करते थे। एक गैंगस्टर था। वह एक ही हाथ से जीप का स्टियरिंग संभालता था, उसी हाथ से बंदूक भी चलाता था। एक मौलवी भी हमेशा उनके साथ मौजूद रहते थे। क्राइम करते वक्त गैंग्सटर उनसे पूछा करता था कि सही कर रहा हूं या गलत।

वैसे अन्य गैंगस्टर थे, जो रोचक तरीके से अपराध को अंजाम देते थे। तो रुद्र और राजा उन्हीं सभी किरदारों के मिले-जुले रूप हैं। खासकर राजा। वह बहुत क्रूर नहीं है। वह बहुत चार्मिग है। मजाकिया है, मजेदार है। भगत सिंह को मानने वाला है। रोशन मुन्ना ईमानदार पुलिस वाला है। वह डेप्यूटेशन पर है। वह लंदन जा रहा होता है, पर उसे खास राजा और रुद्र पर लगाम कसने के लिए बुलाया जाता है। राजा मिश्रा आजमगढ़ का है। रुद्र लखनऊ और रोशन मुन्ना इलाहाबाद का है।

पढ़ें:ट्रैफिक के नियम मानने वाला असली बुलेट राजा

गैंगस्टर के अलावा फिल्म के केंद्र में दोस्ती भी है। हमने दिखाया है कि अच्छे दोस्त बनने के लिए महीनों साथ रहने की जरूरत नहीं। आप मिनटों के साथ में भी अच्छे दोस्त बन सकते हो। दोनों दिमाग से कम दिल से फैसले लेने वाले लोग हैं। किसी नतीजे पर आने में ज्यादा वक्त नहीं लेते। सोनाक्षी एक संघर्षरत बंगाली अभिनेत्री की भूमिका में हैं। वह गलत समय पर गलत जगह फंस जाती है। उस मोड़ पर वह राजा मिश्रा से टकराती है और राजा मिश्रा की मर्दानगी पर वह फिदा हो जाती है।

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यह कैरेक्टर ड्रिवेन फिल्म है। बहुत सारे प्लॉट नहीं हैं। इसमें अच्छी वैल्यूज दिखाई हैं। राजा मिश्रा गैंगस्टर है, पर वह बुरी आदतों की चपेट में नहीं है। वह औरतों की रिस्पेक्ट करता है। दोस्तों के लिए जान देने वालों में से एक है। जान जाए, पर वचन न जाए, जैसी मान्यताओं को मानने वाले परिवार से ताल्लुक रखता है। आजाद किरदार है। सिस्टम में बदलाव भी चाहता है। वैसे किरदारों के लिए कहानी की जरूरत नहीं होती, उनके लिए हर लम्हा एक कहानी बन जाती है।

मैं एक चीज स्पष्ट करना चाहूंगा कि रूद्र और राजा बिगड़े हुए शहजादे नहीं है। दोनों बहुत प्यारे हैं। जिंदगी जीने की तीव्र इच्छा रहती है। किसी से डरते नहीं हैं, इसलिए कुछ लोगों को नापसंद हैं। बुरे को बुरा और सही को सही कहते हैं, इसलिए हर इंसान उनकी तरह बनना चाहता है। असल में देखा जाए तो हम इतने परिस्थितिजन्य बन चुके हैं कि हर कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहते हैं। जिंदगी खुल कर जी नहीं पाते। रूद्र और राजा उन्हें जिंदगी खुल कर जीना सिखाएंगे।

सैफ राजा मिश्रा के किरदार में परफेक्ट लगे हैं। विदेशों में पले-बढ़े और संभ्रांत परिवार का होने के बावजूद फिल्म में उन्हें राजा मिश्रा के रूप में देख कोई यह नहीं कह सकता कि राजा आजमगढ़ के युवकों जैसा नहीं है। 'बुलेट राजा' में ब्रांड न्यू अवतार में वह दिखाई देंगे।'

(अजय ब्रहात्मज)

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