यश चोपड़ा की 10 बातें, जिन्हें भूल नहीं पाएंगे आप
बॉलीवुड के 'किंग ऑफ रोमांस' यश चोपड़ा की फिल्में, उनके गाने, उनका संगीत, उनके लम्हे, उनके डायलॉग आज भी लोगों के जहन में इस कदर बसे हुए हैं कि उनके जाने के बाद भी इनके जरिए वे लोगों के दिलों में जिंदा हैं। यश जी की फिल्मों से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिसके बारे में शायद लोग जानते भी नहीं हैं।
By Edited By: Updated: Wed, 23 Oct 2013 10:37 AM (IST)
मुंबई। बॉलीवुड के 'किंग ऑफ रोमांस' यश चोपड़ा की फिल्में, उनके गाने, उनका संगीत, उनके लम्हे, उनके डायलॉग आज भी लोगों के जहन में इस कदर बसे हुए हैं कि उनके जाने के बाद भी इनके जरिए वे लोगों के दिलों में जिंदा हैं। यश जी की फिल्मों से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिसके बारे में शायद लोग जानते भी नहीं हैं।
आइए हम आपको उनकी फिल्मों से जुड़ी दस बातों से रू-ब-रू कराते हैं, जिन्हें भूलना इतना आसान नहीं है। 'वक्त' फिल्म का गाना 'ओ मेरी जोहरा जबी, तुझे मालूम नहीं तू अभी तक है जवान..' बलराज साहनी और अचला सचदेव पर फिल्माया गया है। आज भी जब भी ये गाना बजता है तो लोग थिरकने लगते हैं। यश चोपड़ा की फिल्में 'दीवार, काला पत्थर, त्रिशूल' इन फिल्मों ने ही बिग बी को बॉलीवुड में 'एंग्री यंग मैन' की पहचान दिलाई।
शाहरुख खान को भी हिंदी फिल्मों में पहचान दिलाने में यश जी का बड़ा योगदान है। इन्होंने किंग खान को फिल्म 'डर' से सुपरस्टार बना दिया। उसके बाद से दोनों ने कई फिल्में साथ की। बॉलीवुड में दोनों की जोड़ी ने एक मिशाल कायम की। यश जी के बेटे आदित्य चोपड़ा ने भी शाहरुख के साथ कई हिट फिल्में की है। फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'दिल तो पागल है।' फिल्म 'वक्त' के बाद यश चोपड़ा 'लॉस्ट एंड फाउंड' पर आधारित फिल्मों के संस्थापक बन गए। फिल्मों में उनकी इस थीम को बाद में मनमोहन देसाई ने भी खूब इस्तेमाल किया।
इन्होंने राजेश खन्ना के साथ मिलकर यश राज बैनर तले दाग बनाई। संयुक्त रूप से बने इसे बैनर ने खूब नाम कमाया। अपनी कई फिल्मों में इन्होंने प्यार की एक अनूठी दास्तां पेश की। फिल्म 'सिलसिला' में इन्होंने जिस तरह से रेखा और बिग बी की प्यार की कहानी को बयां किया है, वह कहीं न कहीं असल जिंदगी को दर्शाती है। जया बच्चन, बिग बी और रेखा इस तिकड़ी की ये सबसे बड़ी हिट साबित हुई। ऑन स्क्रीन पर उन्होंने ऑफ स्क्रीन की कहानी दर्शा दी। साल 1981 की फिल्म सिलसिला आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। यश जी हर फिल्म में कोई न कोई त्योहार का मूड होता है, फिल्मों के गाने और उनका संगीत किसी न किसी त्योहार की याद दिलाता है। कहीं मेहंदी के गाने तो कहीं शादी के संगीत, कहीं होली के गाने तो कहीं सावन के झूले। उनके गीत लोगों के लब पर आज भी सजे हैं। किसी भी त्योहार में सबसे पहले उनके गानों को याद किया जाता है। साल 1991 में आई फिल्म 'लम्हे' ने श्रीदेवी और अनिल कपूर को लोगों का फेवरेट बना दिया। कहा जाता है कि ये फिल्म यश चोपड़ा की सबसे बेहतरीन फिल्म थी। इस फिल्म को समीक्षकों ने भी बहुत पसंद किया। यश चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे,' जो आज भी सिनेमा घरों में ब्लॉकबास्टर हिट के तौर पर चल रही है। इस फिल्म से ही आदित्य ने निर्माता के रूप में अपना डेब्यू किया था। यश चोपड़ा ने अपनी फिल्में 'लम्हे, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, चांदनी, सिलसिला' में स्विटजरलैंड को दर्शाया है, इसलिए इस शहर के प्रति उनका लगाव और प्यार को देखते हुए वहां उनके नाम से ट्रेन, लेक और सड़क का नाम रखा गया है।
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