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अमिताभ-रेखा: न खत्म होगा सिलसिला

खुद को रुसवा ना किया.. खुद भी पशेमां ना हुए। पशेमा न हुआ करो यूं अपनी रुसवाइयों पे तुम कमजर्फ हैं वो लोग जो तुम पे उंगलियां उठाते हैं.. अमिताभ बच्चन और रेखा ने अपनी असल जिंदगी में भी इस लाइन को सच कर दिखाया है। दोनों ने अपने पाक रिश्ते को रुसवा नहीं होने दिया। साल 1

By Edited By: Updated: Mon, 08 Oct 2012 02:14 PM (IST)
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नई दिल्ली, [सुमन अग्रवाल]। खुद को रुसवा ना किया,खुद भी पशेमां ना हुए..पशेमा न हुआ करो यूं अपनी रुसवाइयों पे तुम, कमजर्फ हैं वो लोग जो तुम पे उंगलियां उठाते हैं..अमिताभ बच्चन और रेखा ने अपनी असल जिंदगी में भी इस लाइन को सच कर दिखाया है। दोनों ने अपने पाक रिश्ते को रुसवा नहीं होने दिया। साल 1981 की फिल्म सिलसिला ने बॉलीवुड में एक अनोखे प्यार का सिलसिला छेड़ दिया। रेखा और अमिताभ दोनों की प्रेम कहानी पीढि़यों तक एक खामोश प्यार की मिसाल बन गई। एक अनकहीं अनछुई प्यार की दास्तां बन गई।

अगर हम सफल प्यार की कहानियों की बात करें तो बहुत कम ही ऐसी प्रेम कहानियां हैं जो अंत में जाकर सफल होती हैं, भले ही वह असल जिंदगी में हो या बॉलीवुड में। सच तो यह है कि प्यार की वह महान जोड़ियां जिनके बारे में इतिहास के पन्नों पर लिखा जाता है लोगों को उनके प्यार की मिसाल दी जाती है उनका प्यार ही असफल रहा। तो क्या उन प्रेम कहानियों का वजूद मिट जाता है, उनका प्यार सच्चा नहीं होता। ऐसा नहीं है, अगर हम बात करें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और रेखा की तो यहीं कहा जाएगा की कुछ प्रेम कहानियों की दास्तां अधूरी होकर भी पूरी होती है। बहुत कुछ कहकर भी अनकहीं रह जाती है। कहते हैं न साथी सिर्फ वो ही नहीं जो जिंदगी भर साथ निभाएं बल्कि साथी तो वो है जो जिंदगी के कुछ पलों में जिंदगी भर का साथ दे जाए। इन दोनों की प्रेम कहानी भी कुछ इस तरह की है। इनकी कहानी एक अनकहीं अनसुनी मोहब्बत की दास्तां बयां करती है।

अस्सी के दशक की सबसे चर्चित जोड़ी अमिताभ-रेखा आज उम्र के उस पायदान पर खड़े हैं जहा सारे गिले-शिकवे भूला दिए जाते हैं। जहां सिर्फ प्यार के उस मौसम को याद कर बस खामोश जुबान के साथ आंखें नम कर ली जाती है। जहां सारे गिले-शिकवे भूला दिए जाते हैं। जहां बस कुछ मीठी यादें ही रह जाती है।

लेकिन सबसे बड़ी बात है कि ऐसे प्यार का नजारा न तो कभी देखा गया था न तो कभी देखा जाएगा। खामोश रहकर, एक-दूसरे से बगैर कुछ कहें बस उस एहसास को महसूस करना यह बहुत बड़ी बात है। अमिताभ ने एक अच्छे पति का फर्ज निभाया और और अपने अधूरे प्यार को भूला दिया। लेकिन आज भी दोनों एक-दूसरे की सलामती के लिए चुपके से दुआ मांगते हैं।

अस्सी दशक की यह मशहूर जोड़ी अगर एक बार फिर पर्दे पर आ जाए तो बॉलीवुड में धूम मच जाएगी। बिग बी ने एक बार कहा था कि वह फिर से रेखा संग काम करने को इच्छुक हैं, वहीं खबरों में है कि इस बार बिग बी अपना 70 वां बर्थडे उमराव जान के साथ मनाने का मन बना रहे हैं।

बॉलीवुड में ऐसी बहुत सारी अधूरी प्रेम कहानिया है जिन्हें उनका मुकाम नहीं मिला लेकिन रेखा की बात और है। अमिताभ और रेखा के बीच में आखिर कुछ था भी या यह सब ऐसे ही अफवाह थी इसका सच आज भी लोगों के लिए एक मिस्ट्री बना हुआ है।

भले ही दो दिलों में पनपते प्यार को लोगों ने कुछ और ही नाम दिया हो लेकिन दोनों ने प्यार की एक अलग मिसाल कायम की है। सिलसिला और सुहाग जैसी कुछ फिल्मों में यह दिखाई भी दिया। इस ग्यारह अक्टूबर को अमिताभ के 70वें जन्मदिन पर रेखा एक बार फिर अमिताभ के साथ दिखाई दे सकती हैं। यदि ऐसा हुआ तो बॉलीवुड की नामचीन जोड़ी एक बार फिर बरसों बाद एक साथ दिखाई देंगी।

1976 में दो अंजाने फिल्म में पहली बार यह दोनों साथ आए थे। इसके बाद 1987 में आई सूरमा भोपाली फिल्म में आखिरी बार इन दोनों की जोड़ी बाक्स आफिस पर दिखाई दी थी। अमिताभ और रेखा की कैमस्ट्री में नौ में से पांच फिल्में बॉक्स आफिस पर हिट रहीं। कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद अमिताभ रेखा से अलग हो गए थे।

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