अभिजीत पांडे ने बॉलीवुड को लिखा खुला खत, उठाया लेखकों का मुद्दा
लेखक अभिजीत देशपांडे ने एक बार फिर ये बात उठाई है कि हिन्दी फिल्म जगत में स्क्रिप्ट लेखक को तवज्जो नहीं मिलती है। सिने जगत में स्क्रिप्ट लेखकों की भूमिका बहुत अहम होती है। बेहतर स्क्रिप्ट के बिना अच्छी फिल्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन, बॉलीवुड
मुंबई। लेखक अभिजीत देशपांडे ने एक बार फिर ये बात उठाई है कि हिन्दी फिल्म जगत में स्क्रिप्ट लेखक को तवज्जो नहीं मिलती है।
सिने जगत में स्क्रिप्ट लेखकों की भूमिका बहुत अहम होती है। बेहतर स्क्रिप्ट के बिना अच्छी फिल्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
लेकिन, बॉलीवुड में स्क्रिप्ट लेखकों को उतनी तवज्जो नहीं मिलती जितनी किसी अभिनेता, गायक, संगीतकार या गीतकार को मिलती है। इस मुद्दे को पहले कई मंचों पर उठाया जा चुका है, लेकिन हालात में ज्यादा बदलाव नहीं आए हैं।
'शैतान', 'टेबल नं. 21', 'शूटआउट एट वडाला' और आने वाली फिल्म 'वजीर' का स्क्रिप्ट लिखने वाले जाने-माने स्क्रिप्ट लेखक अभिजीत देशपांडे ने इस मसले को फिर से उठाया है।
उन्होंने स्क्रिप्ट लेखकों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ बॉलीवुड के नाम खुला पत्र लिखा है।
अभिजीत ने बताया कि अप्रत्याशित तौर पर इस मुद्दे पर उन्हें कई पक्षों से समर्थन मिला है। फिल्मों में अहम योगदान करने के बावजूद लेखकों को प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य लोगों की तुलना में मेहनताना काफी कम मिलता है।