YRF को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, Shah Rukh Khan की फिल्म 'फैन' से जुड़ा है मामला
यशराज फिल्म्स को अब सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें YRF को एक कंज्यूमर को 10000 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी फिल्म के प्रोमो या टीजर में दिखाया सीन फिल्म में न होना उपभोक्ता कानून का उल्लंघन नहीं है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। साल 2016 में आई शाह रुख खान स्टारर फिल्म 'फैन' तो हर किसी को याद होगी। इस फिल्म के मेकर्स यशराज फिल्म्स को अब सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें YRF को एक कंज्यूमर को 10,000 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था।
दरअसल, एक दर्शक आफरीन फातिमा जैदी ने यह शिकायत दर्ज कराई थी कि फिल्म से 'जबरा फैन' गाने को हटाने से उन्हें और उनके बच्चों को निराशा हुई, खासकर जब ट्रेलर में इस गाने को दिखाया गया था।
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वाईआरएफ के पक्ष में आया फैसला
अब सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के 2020 के आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें यशराज फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को शाह रुख खान की फिल्म फैन में 'जबरा फैन' गाने की अनुपस्थिति से पीड़ित उपभोक्ता आफरीन फातिमा जैदी को 10,000 रुपये का भुगतान करने को कहा गया था।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा और अरविंद कुमार की पीठ ने कानूनी मुद्दों की जांच की कि क्या प्रचार से ग्राहक और सेवा प्रदाता के बीच संबंध बनेगा। क्या प्रचार से सामग्री हटाने से किसी को मुआवजे का अधिकार मिल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी फिल्म के प्रोमो या टीजर में दिखाया सीन फिल्म में न होना उपभोक्ता कानून का उल्लंघन नहीं है।
क्या था पूरा मामला
आफरीन फातिमा जैदी नाम की एक दर्शक ने YRF के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि वह 'जबरा फैन' गाना थिएटर में नहीं दिखाने को लेकर नाराज थी। इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया था कि उसके बच्चों ने उस रात खाना नहीं खाया, क्योंकि थिएटर में गाना नहीं बजने से वे निराश थे, जिसकी वजह से उनकी तबीयत खराब हुई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
इसके बाद साल 2017 में, जिला उपभोक्ता फोरम ने शिकायतकर्ता के दावे को खारिज कर दिया था, लेकिन महाराष्ट्र राज्य आयोग ने उसकी अपील को अनुमति दी और प्रोडक्शन हाउस को 5,000 रुपये की मुकदमेबाजी लागत के साथ 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। वहीं, NCDRC ने भी 2021 में शिकायतकर्ता के पक्ष में आदेश पारित किया था।
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