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इस बार कुछ खास होगा मेरा बर्थडे - शाहरुख खान

शाहरुख खान का ज्यादातर समय अभी हैदराबाद में बीतता है। वहां का रामोजी राव स्टूडियो ही इन दिनों उनका ठिकाना है। वे वहीं से कहीं जाते हैं और फिर लौटकर वहीं आ जाते हैं। कभी छोटे बेटे अब्राम से मिलने का मन किया तो मुंबई आ गए या उसे हैदराबाद

By Monika SharmaEdited By: Updated: Mon, 02 Nov 2015 07:33 AM (IST)
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शाहरुख खान का ज्यादातर समय अभी हैदराबाद में बीतता है। वहां का रामोजी राव स्टूडियो ही इन दिनों उनका ठिकाना है। वे वहीं से कहीं जाते हैं और फिर लौटकर वहीं आ जाते हैं। कभी छोटे बेटे अब्राम से मिलने का मन किया तो मुंबई आ गए या उसे हैदराबाद बुला लिया। कभी फुर्सत रही तो लंच के लिए मुंबई में ‘मन्नत’ आए और फिर हैदराबाद लौट गए। दरअसल, वहां रोहित शेट्टी के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘दिलवाले’ का सेट लगा हुआ है। उन्होंने रामोजी राव स्टूडियो में ही गोवा बसा रखा है। यहां ‘दिलवाले’ के नायक काली (शाहरुख खान) का गैरेज बनाया गया है, जहां डिजाइनर कार से लेकर मोटर मरम्मत के सभी काम होते हैं। फिल्म के मुताबिक उनका छोटा भाई भी उनके साथ रहता है।

पीछे क्यों रहें हॉलीवुड से
शाहरुख खान ‘दिलवाले’ के प्रमोशन का एक अलग तरीका अपना रहे हैं। वो अलग-अलग शहरों से पत्रकारों को बुलाते हैं। उनके साथ फिल्म के गानों और सीन्स के 20 मिनट के फुटेज शेयर करते हैं। फिल्म मेकिंग की चुनौतियों और खुशियों की बातें करते हैं। ‘दिलवाले’ उनकी महत्वाकांक्षी फिल्म है। वो बताते हैं, ‘पिछली कुछ फिल्मोंं से मेरी कोशिश रही है कि मैं बड़ी फिल्में बनाऊं। हमारी फिल्में इंटरनेशनल लेवल पर हॉलीवुड की फिल्मों से कम नहीं हों। वीएफएक्स और प्रजेंटेशन में हमारी फिल्में कतई कमतर न दिखें। निर्माता के तौर पर मैं अपनी फिल्मों के लिए नई से नई तकनीकी सुविधाएं जुटा सकता हूं। मैं बार-बार बोल रहा हूं कि अगर हम सिनेमा में तरक्की नहीं करेंगे तो हॉलीवुड की फिल्में हमें खा जाएंगी। सारी दुनिया की तरह यहां के लोग भी हॉलीवुड की फिल्मों के ही मजे लेने लगेंगे। हमारे पास अच्छी कहानियां हैं। अच्छे एक्टर हैं। हमारी संस्कृति संपन्न है और सबसे जरूरी बात, सुधी दर्शक हैं। फिर उनका सही इस्तेमाल क्यों नहीं हो? मैं दावा नहीं करता कि मेरी फिल्मों में कुछ नया दिखेगा, लेकिन ये भरोसा देता हूं कि वो पहले से बेहतर दिखेगा। दर्शकों का अनुभव और आनंद पहले से बेहतर होगा।’

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सभी चाहते हैं बेहतर रिलीज
शाहरुख खान अच्छी तरह जानते हैं कि 18 दिसंबर को रिलीज हो रही ‘दिलवाले’ का सीधा मुकाबला संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ से है। पर वों फिल्मों में ऐसे मुकाबले को स्वीकार नहीं करते। वे साफ करते हैं, ‘साल में कुल 52 हफ्ते होते हैं तो लगभग उतने ही शुक्रवार होते हैं। हर साल 100 से ऊपर हिंदी फिल्में रिलीज होती हैं तो इस तरह दो या दो से अधिक फिल्मों का साथ आना लाजिमी है। हम सभी बेहतर रिलीज चाहते हैं। चाहते हैं कि छुट्टियां और त्योहार मिल जाएं तो दर्शक बढ़ जाएंगे। कई बार ऐसा देखा गया है कि साथ आई दोनों फिल्मों का बिजनेस अच्छा होता है। अगर मेरी फिल्म पसंद नहीं आई तो सोलो रिलीज होकर भी कुछ नहीं कर पाएगी। मैं तो यही ख्वाहिश रखूंगा कि दोनों ही फिल्में चलें।’

कुछ नया होगा जन्मदिन पर
रोहित शेट्टी ने उन्हें इस कदर एंगेज कर रखा है कि जन्मदिन के लिए बमुश्किल एक दिन की छुट्टी दे रहे हैं। वो बताते हैं, ‘जन्मदिन पर काफी प्रशंसक मिलने आते हैं। मैं मीडिया से भी मिलता हूं। मैं चाहता हूं कि सभी से मिलूं। उनसे प्यार लूं और अपना प्यार दूं। कुछ मजबूरियां हैं कि मैं सभी से नहीं मिल सकता। इधर मैंने महसूस किया है कि मैं दिन भर लोगों से या तो हाथ मिला रहा होता हूं या या फिर प्रशंसकों की भीड़ के लिए छज्जे पर खड़े होकर हाथ हिलाता रहता हूं। कोशिश रहेगी कि इस बार थोड़ी तब्दीली आए। मेरी टीम वर्कआउट कर रही है।’

विरासत में नहीं मिलती कामयाबी
हाल ही में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि लेकर लौटे शाहरुख खान ने वहां छात्रों को जीवन के आठ पाठ बताए थे। वो मानते हैं कि जीवन में पढ़ाई बहुत जरूरी है। वो दो टूक शब्दों में अपने बच्चों के उदाहरण से बताते हैं, ‘मैंने उन्हें फिल्मी माहौल से दूर रखा है। मेरा पूरा यकीन है कि जीवन में पढ़ाई बहुत काम आती है। स्कूल और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई जीवन में जरूर होनी चाहिए। मैं नहीं चाहूंगा कि आर्यन, सुहाना और अब्राम अपनी पढ़ाई छोड़कर कुछ और करें। फिल्मों में भी आना है तो पहले पढ़ाई पूरी करें। फिल्म इंडस्ट्री के बच्चे पढ़ाई छोड़कर फिल्मों में आ जाते हैं। आप उनसे मिलें और बातें करें तो पाएंगे कि वो बड़ी मनहूस बातें करते हैं। जिंदगी के किसी भी क्षेत्र में आप पढ़ाई और जानकारी से ही अव्वल हो सकते हैं और हमें अव्वल ही रहना चाहिए। मैं ये भी नहीं मानता कि एक्टर का बेटा या बेटी एक्टर ही हो। मेरे पिता तो एक्टर नहीं थे। मुझे एक्टिंग से लगाव था। आज मैं इस मुकाम पर हूं। मेरे बेटे-बेटी का लगाव होगा तो वे भी कोई मुकाम हासिल करेंगे, नहीं तो दर्शक उन्हें छांट देंगे। मैं विरासत में उन्हें अपनी कामयाबी नहीं दे सकता। उसके लिए उन्हें खुद मेहनत करनी होगी। हाल ही में गौरी ने मुझे मना किया कि मैं सोशल साइट्स पर बच्चों की तस्वीरें नहीं लगाया करूं। अभी उन्होंने हासिल ही क्या किया है कि वो मेरी शोहरत पाएं। मुझे ये बात जंची।’

ठहर गईं हैं बाकी चीजें
शाहरुख खान की ऊर्जा मशहूर है। ये इंटरव्यू शाम को तय था और इससे पहले वो सुबह 10 बजे से काम कर रहे थे। दिन में एक स्टंट करते हुए उनके दाहिने बाजू में चोट और खरोंच लगी। उनके घुटने में पहले से चोट लगी हुई है। डॉक्टर को दिखाना है। दरअसल अभी शाहरुख खान के लिए सेहत और बाकी चीजें ठहर गई हैं। अभी बस एक ही ध्यान है कि ‘दिलवाले’ समय से रिलीज हो और दर्शकों के बीच पहुंचे। रात में शूटिंग खत्म करने के बाद एक बज कर चालीस मिनट पर वो कलाकारों की टीम और डायरेक्टर रोहित शेट्टी के साथ आए और सुबह साढ़े चार बजे तक गपियाते रहे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में इतनी सुबह तक तो पार्टियां चलती हैं। पर पता चला कि डायरेक्टर ने उन्हें अगली सुबह नौ बजे का कॉल टाइम भी दे रखा है। सचमुच शोहरत में समय और सेहत की बलि चढ़ जाती है।

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