फिल्म रिव्यू: दिल्लीवाली जालिम गर्लफ्रेंड (1 स्टार)
जपिन्दर कौर निर्देशित 'दिल्लीवाली जालिम गर्लफ्रेंड' का उद्देश्य दिल्ली की पृष्ठभूमि में 'खोसला का घोंसला' जैसी हल्की-फुल्की और सटायर फिल्म बनाने का रहा होगा। लेखक मनु ऋषि चड्ढा ने कुछ किरदारों को लेकर यह कहानी रची है। उन्होंने ध्रुव को केंद्र में रखा। उनके साथ दो और सहयागी जोड़े हैं।
By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Fri, 20 Mar 2015 04:15 PM (IST)
अजय ब्रह्मात्मज
प्रमुख कलाकार: दिव्येन्दु शर्मा, प्राची मिश्रा, जैकी श्रॉफ, इरा दुबे
निर्देशक: जसपिंदर कौर
संगीतकार: हनी सिंह, मीट ब्रदर्स, टाइगरस्टाइल, डॉ.ज्यूस
स्टार: 1
ध्रुव के बालों के साथ पूरी फिल्म में समस्या रही है। हाई स्कूल के दिनों में किशोर अपनी खास पहचान और स्टाइल के लिए अलग-अलग तरीके से बाल कटवाते हैं। कम से कम छह तरीके से ध्रुव के बाल बनाए गए हैं। जो किरदार बालों को लेकर संजीदा नहीं है, वह अपने व्यवहार में भी ढुलमुल होगा। वही होता है। फिल्म कहीं से चलती है और फिर कहीं का ईंट, कहीं का रोड़ा बटोरती हुई रास्ता भूल जाती है। फिल्म के खल चरित्र को घेरने और एक्सपोज करने का बचकाना प्रयास लंबा और दोहराऊ है। इस भूमिका में जैकी श्राॅफ अनफिट लगते हैं। पंजाबी लहजे में बोलते हुए वे नकली लगते हैं।
'दिल्लीवाली जालिम गर्लफ्रेंड' की पूरी कहानी कार की चोरी और चोर को एक्सपोज करने की है। उसमें पुलिस और चोर की मिलीभगत, सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार और दिल्ली के मध्यवर्गीय मोहल्ले के कुछ लड़के हैं। लगे हाथ एक चैनल को भी समेट लिया गया है। समझ में नहीं आता कि फिल्म के टाइटल में जालिम गर्लफ्रेंड का इस्तेमाल क्यों किया गया है? अवधि: 110 मिनट
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