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ब्योमकेश बनने की राह पर सुशांत

मुंबई। देश में इस साल जबरदस्त मॉनसून आयेा हुआ है और इसके छींटे कोलकाता की गलियों और सड़कों को मंगलवार को भीगो रहे थे। ठहरा शहर कुछ और थमकर चल रहा था। शहर की इस मद्धिम चाल के बीच भी 'पार्क स्ट्रीट' के पास सरगर्मियां चालू थीं। मौका था 'डिटेक्टिव ब्योमकेश ब्

By Edited By: Updated: Thu, 25 Jul 2013 04:17 PM (IST)
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मुंबई। देश में इस साल जबरदस्त मॉनसून आयेा हुआ है और इसके छींटे कोलकाता की गलियों और सड़कों को मंगलवार को भीगो रहे थे। ठहरा शहर कुछ और थमकर चल रहा था। शहर की इस मद्धिम चाल के बीच भी 'पार्क स्ट्रीट' के पास सरगर्मियां चालू थीं। मौका था 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' के नायक सुशांत सिंह राजपूत के मीडिया से रू-ब-रू होने का। सुशांत और दिबाकर बनर्जी ने मीडियाकर्मियों के साथ धरमतल्ला से खिदिरपुर तक की ट्राम यात्रा की। इस फिल्म में कोलकाता से जुड़ी पांच-छह दशक पुरानी कई चीजें नजर आएंगी। एक सवाल के जवाब में सुशांत ने बताया कि मैं छह दिन से कोलकाता में हूं। इस दरम्यान डिटेक्टिव ब्योमकेश के व्यक्तित्व को साकार करने के लिए स्थानीय लोगों से मिलकर बात-व्यवहार सीख रहा हूं। गौरतलब है कि दिबाकर बनर्जी की फिल्म

'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' में वह

1942 के आसपास के किरदार को

निभा रहे हैं। हिंदी दर्शकों के लिए

यह किरदार अपरिचित नहीं है।

दूरदर्शन पर इसी शीर्षक से प्रसारित

धारावाहिक में ब्योमकेश बख्शी के

किरदार से वे मिल चुके हैं। सालों

बाद दिबाकर बनर्जी को किशोरावस्था में पढ़े शर्दिदु बनर्जी के किरदार ब्योमकेश की याद आई और उन्होंने इसे बड़े पर्दे पर लाने का फैसला किया। दिबाकर कहते हैं, 'मुझे यह किरदार शुरू से आकर्षित करता रहा है। इस किरदार को फिल्म में लाने का मौका अभी मिला है। कोलकाता आने पर मुझे एक और कैरेक्टर मिल गया। पहले फिल्म में कोलकाता बैकग्राउंड में था। अब वह एक जीवंत कैरेक्टर बन चुका है। मैं खुद बंगाली हूं, लेकिन कोलकाता को इतनी अच्छी तरह नहीं जानता था। यहां आने के बाद मैंने देखा कि मॉडर्न कोलकाता में पुराना कोलकाता सांसें ले रहा है। हमने कई लोकेशन तय कर लिए हैं। अब चुनौती है, उन्हें फिल्म में कैसे पिरोया जाए। निश्चित ही, इस फिल्म में वीएफएक्स का सदुपयोग होगा।' इस मौके पर पजामा-कुर्ता में नजर आए सुशांत सिंह राजपूत के ब्योमकेश बख्शी में ढलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने पिछले एक हफ्ते में कोलकाता की गलियों की सैर की है। स्थानीय लोगों से वह मिले हैं। बंगाली परिवारों में खाना खाया है। खाली समय में वह सत्यजीत रॉय और अन्य बंगाली निर्देशकों की पुरानी फिल्में देख रहे हैं। उस दौर का साहित्य पढ़ रहे हैं। वह स्वयं ब्योमकेश बख्शी के किरदार को लेकर बहुत उत्साहित हैं। दिबाकर बताते हैं, इस साल के आखिर तक वह फिल्म की स्क्रिप्ट पूरी कर लेंगे। जनवरी में शूटिंग आरंभ करेंगे। दिसंबर 2014 में फिल्म की रिलीज की घोषणा की जा चुकी है। 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' यशराज फिल्म्स व दिबाकर बनर्जी का संयुक्त प्रोडक्शन है।

अजय ब्रहा्रात्मज

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