Move to Jagran APP

क्या आप जानती हैं कि पंजाबी दुल्हन क्यों पहनती हैं चूड़ा

अगर आपने कोई पंजाबी वेडिंग अटैंड की है तो आपने देखा होगा कि पंजाबी दुल्हन के हाथों में कांच की चूडिय़ां नही बल्कि पंजाबी चूड़ा होता है।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Thu, 20 Jul 2017 10:28 AM (IST)
Hero Image
क्या आप जानती हैं कि पंजाबी दुल्हन क्यों पहनती हैं चूड़ा
भारतीय संस्कृति में कांच की हरी-लाल चूडियों को बहुत शुभ माना जाता है और चूडिय़ों से भरे दुल्हन के हाथ उसके सौन्दर्य में चार चांद लगा देते हैं। अगर आपने कोई पंजाबी वेडिंग अटैंड की है तो आपने देखा होगा कि पंजाबी दुल्हन के हाथों में कांच की चूडिय़ां नही बल्कि पंजाबी चूड़ा होता है। आजकल चूड़ा पहनने का चलन इतना अधिक हो गया है कि अब भारत के हर कोने में लड़कियां अपने विवाह के अवसर पर चूड़ा ही पहनना चाहती हैं। बोल्डस्कायी.कॉम के अनुसार क्या आप जानना चाहते हैं पंजाबियों में क्यों पहनाया जाता है चूड़ा और क्या है इससे जुड़े रस्मो रिवाज।

वैसे तो दुल्हनें ढेर सारी ज्वेलरी पहनती हैं मगर उनमें से चूड़े का महत्व सबसे अधिक होता है। पंजाबियों में शादी के दिन होने वाली दुल्हन के घर पर चूड़ा और कलीरा नामक सेरेमनी भी होती है। दुल्हन के मामा, उसके लिये चूड़ा लेकर आते हैं, जिसमें लाल और सफेद रंगों की 21 चूडियां होती हैं। दुल्हन इस चूड़े को तब तक नहीं दे पाती है जब तक की वह पूरी तरह से तैयार ना हो जाए और मंडप पर दूल्हे के साथ ना बैठ जाए।

चूड़ा पंजाबी रिवाज के हिसाब से दुल्हन को लगभग 1 साल तक चूड़ा पहनना होता है। हांलाकि आज कल दुल्हनें ज्यादा से ज्यादा 40 दिनों तक ही इसे पहनती हैं। चूड़ा, शादी शुदा होने का प्रतीक है। साथ ही यह प्रजनन और समृद्धि का संकेत भी होता है। यह पति की भलाई के लिए भी पहना जाता है।

दुल्हन को चूड़ा शादी के मंडप में ही उसकी मामा जी ही देते हैं। उस दौरान दुल्हन की आंखें उसकी मां बंद कर देती हैं, जिससे वह चूड़े को ना देख पाएं नहीं तो खुद उसी की नजर उस चूड़े पर लग जाएगी। चूड़े को शादी की एक रात पहले दूध में भिगोकर रखा जाता है। चूड़ा उतारने की रस्म पहले के जमाने में जब चूड़ा उतारना होता था तब घर पर छोटा सा आयोजन किया जाता था। उसमें दुल्हन को शगुन और मिठाई दी जाती थी और फिर चूड़ा उतार कर उसकी जगह पर कांच की चूडियां पहना दी जाती थीं। चूड़े को किसी नदी के पास उतारा जाता था और छोटी सी पूजा के बाद नदी में ही उसे बहा दिया जाता था।

कलीरे

हर पंजाबी दुल्हन अपनी चूडियों में कलीरे बांधती है जो उसकी प्रिय सहेलियों ने बांधा होगा। कलीरे की सेरेमनी ठीक चूड़ा सेरेमनी के बाद होती है। एक बार जब कलीरे दुल्हन की चूडियों के साथ बांध दी जाती है, तब उसे अपने हाथों को अपनी अविवाहित सहेलियों के सिर पर झटकना होता है। फिर कलीरा जिसके सिर पर भी गिरता है, शादी का अगला नंबर उसी का होता है। ऐसा कहा जाता है।

READ: शादी का लहंगा खरीदते समय इन बातों का रखे ध्यान

दुल्हन शादी से पहले ही कर ले ये तैयारियां