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रावण से जुड़ी इन बातों को नहीं जानते होंगे आप

आज हम आपको अपनी खबर में रावण के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य हैं, जिनसे कम ही लोग परिचित होंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 28 Sep 2016 01:40 PM (IST)

दशहरे के मौके पर आपने अक्सर भगवान राम और रावण के बारे में कई रोचक किस्से और कहानियां सुनी होंगी। लेकिन इस मौके पर आपने कभी रावण से जुड़े किस्सों के बारे में जानने की कोशिश की है।अगर नहीं तो आज हम आपको अपनी खबर में रावण के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य हैं, जिनसे कम ही लोग परिचित होंगे।

10 सिर की कहानी
रावण के 10 सिर की कहानी रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था और उन्हें प्रसन्न करने के लिए उसने अपने सिर की बलि दे दी थी। उसने 10 बार ऐसा किया और फिर भगवान शिव ने प्रसन्न होकर 10 सिरों को लौटा दिया।

क्यों सोता रहा कुंभकर्ण
कुंभकर्ण ने अपनी इंद्रियों को वश में रखकर दस हजार वर्षों तक कठोर तप किया उसके कठोर तप से भयभीत हो देवताओं ने देवी सरस्वती से प्रार्थना कि तब भगवान वर मांगते समय देवी सरस्वती कुंभकर्ण की जिव्हा पर विराजमान हो गईं और कुंभकर्ण ने इंद्रासन की जगह निद्रासन मांग लिया।

बालि से हारा था रावण
एक बार रावण भ्रमण करता हुआ महिष्मतीपुरी पहुंचा। इस अत्यंत सुंदर नगरी का राजा था सहस्रार्जुन। रावण ने इस नगरी पर अधिकार जमाने के लिये आक्रमण कर दिया। सहस्रार्जुन ने इस युद्ध में रावण को आसानी से हरा दिया वो चाहता तो रावण को मार भी सकता था लेकिन सहस्रार्जुन ने अपने पूज्य पुलस्त्य ऋषि का वंशज होने के कारण बंदी बना लिया।

नंदी का श्राप
नंदी के श्राप से जली लंका भगवान शिव के बैल नंदी ने रावण को श्राप दिया था कि एक बंदर उसके विनाश का कारण बनेगा। आपको लंका में लगी आग तो याद होगी।

लक्ष्मण ने किया था रावण के तीन बेटों का वध
रावण के तीन बेटों का वध किया था लक्ष्मण ने युद्ध के समय लक्ष्मण ने रावण के तीन बेटों मेघनाद, प्रहस्त और अतिके का वध किया था लेकिन जिक्र हमेशा मेघनाद का सबसे ज्यादा होता है।

कुबेर थे रावण के भाई
धन के देवता कुबेर ने अपने लिए लंका का निर्माण किया था लेकिन रावण ने उन्हें बाहर निकाल दिया था। कुबेर को रावण का आधा भाई बताया जाता है।

श्री राम ने रावण के सीने में क्यों नहीं चलाया तीर?
राम और रावण में घमासान युद्ध चल रहा था राम रावण के शीश काट रहे थे। तब सभी के मन में सवाल था कि आखिर श्री राम रावण के हृदय पर तीर क्यों नहीं चला रहे। देवताओं ने ब्रह्मा जी से यही प्रश्न किया। तब भगवान ब्रह्मा ने कहा कि रावण के हृदय में सीता का वाय है, सीता के हृदय में राम वास करते हैं और राम के हृदय में सारी सृष्टि है। ऐसे में यदि श्री राम रावण के हृदय पर तीर चलाते तो सारत सृष्टि नष्ट हो जाएगी। जैसे ही रावण के हृदय से सीता का ध्यान हटेगा वैसे ही श्री राम रावण का संहार करेंगे। इसलिये विभीषण जब रावण के वरदान का रहस्य बताने जब श्री राम के पास पहुंचे तो रावण के हृदय से सीता का ध्यान हट गया। फिर भगवान राम ने आतातायी राक्षस की नाभि पर तीर चलाकर वध किया। रावण वध का यही दिन दशहरा या विजयादशमी कहलाया।