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जन्माष्टमी पर कान्हा तोड़ेंगे केक वाली मटकी

जैसे-जैसे जन्माष्टमी का त्योहार नजदीक आ रहा है वैसे ही कान्हा को बर्थडे विश करने के लिए भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। लोगों ने झांकी सजाने के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2016 12:16 PM (IST)
दिल्ली के युवाओं का मानना है कि वे अपने जन्मदिन पर पसंदीदा केक ऑर्डर करते हैं। फिर कान्हा का बर्थडे तो और भी खास है। तो उनके लिए केक भी खास होना चाहिए। बेकरी पर केक के ऑर्डर्स आने लगे हैं। दुकानदारों का कहना है कि जन्माष्टमी से दो दिन पहले तक वे ऑर्डर्स कलेक्ट करेंगे। दो दिन पहले से केक तैयार करना शुरू करेंगे क्योंकि हर कोई जन्माष्टमी के दिन ही डिलिवरी लेना चाहता है। युवाओं का कहना है कि कोई भी सेलिब्रेशन केक के बिना अधूरा सा लगता है। इसलिए जन्माष्टमी पर भी उन्होंने कान्हा के बर्थडे को भी केक काटकर सेलिब्रेट करने की तैयारी की है।

जन्माष्टमी पर दही या मक्खन से भरी हांडी फोडऩे का चलन तो वर्षों से है लेकिन पिछले कुछ सालों से लोगों ने केक काटकर बर्थडे मनाने का नया चलन शुरू किया है। बेकरी में लोगों की मांग पर कान्हा के लिए कई फ्लेवर व डिजाइन में केक बनाए जा रहे हैं।

मटकी वाला केक

कौन नहीं जानता की कन्हैया बाल गोपाल को माखन सबसे प्रिय है। इसलिए केक के डिजाइन में इसका भी खयाल रखा जा रहा है। केक को मटकी का आकार देते हुए उसमें ऊपर से माखन के रूप में क्रीम दर्शाई जा रही है इतना ही नहीं इसी पर बकायदा कान्हा को केक रूपी माखन को चुराते हुए भी दर्शाए गए हैं। इसके अलावा लोगों की खास मांग थ्रीडी फोटो केक भी है। केक पर मटकी से गिरता माखन, बांसुरी, झूले पर बैठे लड्डू गोपाल, मटकी के आकार का केक, रास रचाते हुए कृष्णा, दही और मक्खन भरे हांडी आदि आदि किस्म के केक ऑर्डर मिल रहे हैं। केक पर मोरपंख के रंग से भी सजावट की गई है इसकी भी खूब डिमांड है। वहीं, कुछ केक में मुकुट से भी सजावट किए जाने की व्यवस्था है। मटके वाला केक कम से कम ढाई किलो का ऑर्डर देना होता है। ज्यादातर केक एक हजार

रुपये प्रतिकिलो या उससे भी महंगे हैं।

ताजी क्रीम से बना रहे केक

मालवीय नगर में ओपन ओवन बेकरी के जितेंद्र ने बताया कि जन्माष्टमी पर ज्यादातर लोग व्रत रहते हैं। इसलिए उस दिन के लिए एगलेस यानी बिना अंडे वाला केक ही ऑर्डर किया जाता है। उन्होंने बताया कि वह लोग भी ध्यान रखते हैं कि केक बिना अंडे का और एकदम ताजा हो। इसलिए उसे ताजा क्रीम व फलों से तैयार किया जाता है। वहीं, इसमें मक्खन को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। फ्रूट फ्लेवर की मांग भी खूब है।

कई केक तो कृष्ण-राधा की ड्रेस और एसेसरीज की थीम पर बनाए जा रहे हैं। वहीं, कुछ में कृष्ण के ड्रेस, मुकुट, कलगी, बांसुरी, बाजूबंध, करधनी आदि सब कुछ शामिल है। केक लाजपत नगर, मालवीय नगर, कालकाजी, ग्रेटर कैलाश, समेत लगभग सभी उन बाजारों में स्थित बेकरी पर मिल रहे हैं जहां रोजमर्रा की जरूरत का सामान मिलता है।

प्रस्तुति: अरविंद कुमार द्विवेदी

दक्षिणी दिल्ली

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