जानिये क्यों लगाया जाता है माथे पर तिलक
क्या आप जानते हैं कि माथे पर तिलक लगाना के पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Fri, 21 Jul 2017 11:10 AM (IST)
सनातन संस्कृति में प्राचीन काल से ही मस्तक पर तिलक लगाने की परंपरा चली आ रही है। किसी भी छोटे से लेकर बड़े धार्मिक कार्य में माथे पर तिलक अवश्य लगाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि माथे पर तिलक लगाना के पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण।
स्पीकिंगट्री.कॉम के अनुसार मानव शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जिन्हें चक्र कहते हैं। मस्तिष्क के बीच में जिस स्थान पर तिलक लगाया जाता है वहां आज्ञाचक्र स्थापित होता है। इसे गुरुचक्र भी कहते है।इसी चक्र के एक ओर दाईं ओर अजिमा नाड़ी होती है तथा दूसरी ओर वर्णा नाड़ी है। ज्योतिष में आज्ञाचक्र बृहस्पति का केन्द्र है। इसे गुरु का प्रतीक-प्रतिनिधि माना गया है। बृहस्पति देवताओं के गुरु है, अस्तु, साधना ग्रन्थों में इसे गुरुचक्र केनाम से अभिहित किया गया है।
1. मस्तक पर तिलक लगाने को शुभ और सात्विकता का प्रतीक माना जाता है। सफलता प्राप्ती के लिए रोली, हल्दी, चन्दन या फिर कुमकुम का तिलक लगाने की प्रथा है।2. यदि आप किसी भी नए कार्य के लिए जा रहे हैं, तो काली हल्दी का टीका लगाकर जाएं। यह टीका आपकी सफलता में मददगार साबित होगा। जो जातक तिलक के ऊपर चावल लगाता है लक्ष्मी उस जातक के आकर्षण में बंध जाती है और सदा उसके अंग-संग रहती हैं।
3. जो जातक प्रतिदिन चंदन का तिलक लगाते हैं उनका घर-आंगन अन्न-धन से भरा रहता है।4. प्रत्येक उंगली से तिलक लगाने का अपना-अपना महत्व है जैसे मोक्ष की इच्छा रखने वाले को अंगूठे से तिलक लगाना चाहिए, शत्रु नाश करना चाहते हैं तो तर्जनी से, धनवान बनने की इच्छा है तो मध्यमा से और सुख-शान्ति चाहते हैं तो अनामिका से तिलक लगाएं। देवताओं को मध्यमा उंगली से तिलक लगाया जाता है। उत्तर भारत में तिलक आरती के साथ आदर, सत्कार और स्वागत कर तिलक लगाया जाता है।READ: जानिए शुभ काम से पहले क्यों फोड़ा जाता है नारियल