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बीमा रखेगा बच्चे का ख्याल

अधिकांश लोगों के जीवन में एक ऐसा क्षण आता है जो जीवन के प्रति उनके नजरिये को बदल देता है। यह क्षण उस समय आता है जब वे अभिभावक बनते हैं। हमें मालूम है कि जब हम माता या पिता बनते हैं तो अत्यंत खुशी होती है, लेकिन इसके साथ हमें अपनी जिम्मेदारियों का भी अहसास होन्

By Edited By: Updated: Mon, 21 Jul 2014 10:53 AM (IST)
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अधिकांश लोगों के जीवन में एक ऐसा क्षण आता है जो जीवन के प्रति उनके नजरिये को बदल देता है। यह क्षण उस समय आता है जब वे अभिभावक बनते हैं। हमें मालूम है कि जब हम माता या पिता बनते हैं तो अत्यंत खुशी होती है, लेकिन इसके साथ हमें अपनी जिम्मेदारियों का भी अहसास होना जरूरी है।

अभिभावक के रूप में आपकी यह जिम्मेदारी भी होती है कि अपने बच्चों की जरूरतें पूरी करें। उन्हें बेहतर सुविधाएं और जीवन शैली मुहैया कराएं। अभिभावक बच्चों को सभी तरह की सुविधाएं देने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग हैं जो यह योजना भी बनाते हैं कि उनकी उपस्थिति या अनुपस्थिति में बच्चे को ये सभी सुविधाएं मिलती रहें।

जीवन के हर पड़ाव पर बच्चे को सभी तरह की सुविधाएं मिलें और किसी घटना या दुर्घटना का उसके जीवन पर कोई असर नहीं पड़े, इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि बच्चे की उम्र के हिसाब से इसकी योजना बनायी जाए। अब सवाल उठता है कि बच्चे की उम्र के हिसाब से क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं? अगर हम जीवन के विभिन्न पड़ाव पर गौर करें तो शिक्षा और स्वास्थ्य दो क्षेत्र उभरकर सामने आते हैं। इस तरह बच्चे की उम्र के हिसाब से हमें समग्रता के साथ बच्चे के जीवन की योजना बनानी चाहिए। बाजार में कई ऐसे वित्तीय इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं जो इन सभी चिंताओं को दूर कर सकते हैं। आइए, इन पर एक-एक करके विचार करें।

शिक्षा:

बाजार में कई इंस्ट्रूमेंट्स आपको बचत करने और बच्चे की शिक्षा के लिए पैसा बचाने का मौका देते हैं। इनमें एफडी, म्यूचुअल फंड, बीमा वगैरह शामिल हैं। अन्य इंस्ट्रूमेंट की अपेक्षा बीमा से आपके बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित हो जाती है भले ही किसी दुर्घटनावश परिवार की आजीविका कमाने वाला व्यक्ति इस दुनिया में न हो। ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी ही प्रीमियम का भुगतान करती है और अवधि पूरी होने पर बच्चे को धनराशि मिल जाती है।

जीवन शैली :

शिक्षा सिर्फ एक पहलू है, बच्चे की जीवनशैली सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है। एक साधारण सावधि योजना में निवेश करने से इस चिंता को प्रभावी ढंग से दूर किया जा सकता है। आदर्श स्थिति में अभिभावकों को अपनी वार्षिक आय का दस गुना बीमा कराना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी अनुपस्थिति में बच्चे को कोई वित्तीय कठिनाई न हो।