जल्द निवेश से टैक्स बचत व कमाई भी
टैक्स योजना का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए, ताकि कम से कम टैक्स दायित्व के साथ भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आखिरी वक्त की कोशिश से न केवल अपेक्षाकृत कम रिटर्न मिलता है, बल्कि संभव है कि इससे दीर्घकालिक जरूरतें भी पूरी न हों। सामान्य करदाता
By Edited By: Updated: Sun, 02 Feb 2014 07:07 PM (IST)
टैक्स योजना का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए, ताकि कम से कम टैक्स दायित्व के साथ भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आखिरी वक्त की कोशिश से न केवल अपेक्षाकृत कम रिटर्न मिलता है, बल्कि संभव है कि इससे दीर्घकालिक जरूरतें भी पूरी न हों।
सामान्य करदाता के लिए व्यक्तिगत कराधान काफी जटिल मसला है। मगर हम सबके लिए यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि विभिन्न टैक्स लाभों का किस तरह अधिकतम फायदा उठाया जाए, ताकि न केवल टैक्स बचत हो, बल्कि सुरक्षा के साथ-साथ अपनी भविष्य की आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके। आखिरकार हममें से सभी को अपने बच्चों की पढ़ाई व शादी के अलावा अपने रिटायरमेंट के बाद के खर्चो व दुर्घटना में परिवार की सुरक्षा के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। इसलिए टैक्स योजना का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए, ताकि कम से कम टैक्स दायित्व के साथ भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मगर आम तौर पर होता यह है कि हममें से ज्यादातर टैक्स योजना व बचत विकल्पों को मार्च तक टरकाते रहते हैं। फिर अचानक मार्च में ऐसे किसी उत्पाद में पैसा लगाने की कोशिश करते हैं, जिसका एकमात्र मकसद उस साल के लिए टैक्स बचाना होता है। आखिरी वक्त की कोशिश से न केवल अपेक्षाकृत कम रिटर्न मिलता है, बल्कि संभव है कि इससे दीर्घकालिक जरूरतें भी पूरी न हों। न तो इससे पैसा बनता है और न ही परिवार को सुरक्षा या रिटायरमेंट की जरूरतें पूरी हो पाती हैं। सही और सामयिक टैक्स योजना से निकट भविष्य में अधिकतम रिटर्न के अलावा टैक्स भी बचता है। शिक्षा के लिए धारा 80सी तथा 80डी के तहत कुछ मध्यम व दीर्घ अवधि के बचत एवं सुरक्षा विकल्प उपलब्ध हैं। इनका ब्योरा इस प्रकार है : पेंशन प्लान:
ज्यादातर बीमा कंपनियां पेंशन प्लान ऑफर करती हैं। ये ऐसे समय बचत के विकल्प प्रदान करती हैं, जब आप कमा रहे होते हैं। इनसे बाद में पेंशन व एन्यूटी की रकम प्राप्त होती है। जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर आप चाहें तो यूनिट लिंक्ड या परंपरागत प्लान ले सकते हैं। इससे एक निश्चित अवधि के बाद आपको मासिक पेंशन प्राप्त होने लगेगी। जीवन बीमा पॉलिसी:
जीवन बीमा प्रीमियम सबसे सामान्य सुरक्षा-सह-बचत विकल्प है। इसमें बीमा कंपनियों की ओर से अनेक तरह के उत्पाद व कवर उपलब्ध कराए गए हैं। आप इनमें से अपनी जरूरत के मुताबिक कोई भी उत्पाद चुन सकते हैं। इनकी मैच्योरिटी पर प्राप्त राशि को धारा 10 (10डी) के तहत छूट प्राप्त है। इनमें शुद्ध सावधि पॉलिसियां, आजीवन पॉलिसियां, एंडोमेंट पालिसियां (निश्चित अवधि) व शेयर बाजार के रिटर्न पर आधारित यूनिट लिंक्ड पॉलिसियां शामिल हैं। स्वास्थ्य बीमा: बढ़ते चिकित्सा खर्च को देखते हुए यह विकल्प इन दिनों जरूरी हो गया है। इसमें खुद के अलावा परिवार के सदस्यों के अस्पताल के खर्च कवर होते हैं। इसके प्रीमियम पर धारा 80डी के तहत कर छूट प्राप्त है। किसी आश्रित विकलांग की स्थिति में आप धारा 80डीडी के तहत उसके मेडिकल खर्च पर 50 हजार रुपये तक के डिडक्शन का दावा भी कर सकते हैं। अगर उसकी विकलांगता 80 फीसद से ज्यादा है तो एक लाख रुपये तक के डिडक्शन का लाभ लिया जा सकता है। इसी तरह धारा 80डीडीबी के तहत खास बीमारियों के इलाज पर खुद करदाता को 40 हजार रुपये और उसके आश्रित बुजुर्ग को 60 हजार रुपये तक के डिडक्शन की सुविधा मिलती है। इन सभी विकल्पों को जीवन के शुरुआती दौर में अपना लेना चाहिए क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ प्रीमियम बढ़ता जाता है। इसलिए जितनी जल्दी ये पॉलिसियां ले ली जाएं उतना अच्छा है। सही और सामयिक टैक्स योजना से न केवल आप टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अन्य लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकते हैं। वैसे टैक्स बचत के लिहाज से निवेश के कई अन्य विकल्प भी हैं। इनके तहत इनकम टैक्स डिडक्शन की सुविधा हासिल की जा सकती है। धारा 80सी के तहत उपलब्ध लोकप्रिय विकल्पों में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ), डाकघर बचत स्कीमों और भविष्य निधि (पीएफ) में योगदान के अलावा म्यूचुअल फंडों में निवेश के विकल्प शामिल हैं। इनके अलावा मकान खरीदने को लिए गए होम लोन पर दोहरा टैक्स लाभ उपलब्ध है। इसमें धारा 80सी के तहत मूलधन पर डिडक्शन की सुविधा है। इसके अलावा ब्याज पर डिडक्शन की सुविधा अलग से प्राप्त की जा सकती है। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आप चाहें तो इनमें विभिन्न उत्पादों का युग्म चुन सकते हैं। ये आवश्यकताएं कुछ भी हो सकती है। जैसे कि टैक्स बचत, परिवार की सुरक्षा, मकान की खरीद, अधिकतम रिटर्न, रिटायरमेंट प्लानिंग और भविष्य के किसी कार्य के लिए नकदी का इंतजाम आदि। भारत के अधिकांश बैंक इन दिनों इस तरह के उत्पादों की मार्केटिंग करते हैं। आप चाहें तो उनसे संपर्क कर अपने लिए उपयुक्त उत्पाद का चयन कर सकते हैं। या फिर सर्टीफाइड फाइनेंशियल प्लानिंग एडवाइजर या एजेंट से भी परामर्श कर सकते हैं। वह भी आपकी आवश्यकताओं के अनुकूल सर्वश्रेष्ठ उत्पादों के बारे में आपको उचित सलाह दे सकता है। अनुज माथुर, डायरेक्टर (फाइनेंस) एवं कंपनी सेक्रेटरी, कैनरा एचएसबीसी ओबीसी लाइफ