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ऑनलाइन आवंटन में गड़बड़ी, हाउसिंग का ड्रॉ रद्द

By Edited By: Updated: Sat, 21 Jun 2014 01:30 AM (IST)
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अहमदाबाद। गुजरात में सरकारी फ्लैटों के ऑनलाइन आवंटन में गड़ब़ड़ी की आशंका के बाद मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने ड्रॉ रद्द कर दिया है। साथ ही कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। उधर, कांग्रेस ने फ्लैट आवंटन में करोड़ों के घपले की आशंका जताते हुए विधानसभा के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में गत दिनों राज्य के प्रमुख शहरों में गुजरात हाउसिंग बोर्ड के सरकारी फ्लैटों के लिए ऑनलाइन ड्रॉ निकाला गया था। आवेदकों ने फ्लैट आवंटन में अनियमितता तथा केवल ऑनलाइन आवेदन करने वालों को ही फ्लैट आवंटित करने का आरोप लगाते हुए कई शहरों में जीएचबी व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। फ्लैट आवंटन में गड़बड़ी की पुष्टि होते ही मुख्यमंत्री ने ड्रॉ को रद्द कर कंपनी देव इंफोटेक को ब्लेक लिस्टेड करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि कंपनी ने सरकार की नीतियों के अनुसार काम नहीं किया तथा ड्रॉ करने में भी अनियमितता बरती। गुजरात सरकार अब फ्लैट आवंटन प्रक्रिया की पूरी जांच कर आवेदकों को फिर से आवंटित करेगी। सरकार ने योजना के जरिए आवेदकों को सही मार्गदर्शन व सूचना देने तथा किसी भी प्रकार की ठगी से बचाने के लिए 5 सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।

हेराफेरी का आरोप

कांग्रेस ने फ्लैट ड्रॉ मामले में सरकार को घेरते हुए भवन निर्माता व सट्टेबाजों के साथ मिलकर करोड़ों की हेराफेरी का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया का आरोप है कि कांग्रेस के शासन में आवेदकों को सरकार लोन उपलब्ध कराती थी जबकि भाजपा सरकार ने निजी भवन निर्माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए 12 सौ करोड़ के टेण्डर जारी कर हाउसिंग बोर्ड की योजना को ही प्राईवेट स्कीम बना दी थी। कांग्रेस ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी घर का घर योजना के बाद जनता को गुमराह करने के लिए गुजरात सरकार ने गरीबों के लिए 50 लाख आवास बनाने की घोषणा की थी लेकिन अब अपना वादा नहीं निभा सकी। उधर नेता विपक्ष शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि गुजरात विधानसभा के 1 जुलाई से शुरू हो रहे बजट सत्र में कांग्रेस फ्लैट आवंटन में गडबडी का मुद्दा उठाएगी। वाघेला ने कहा कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति में डॉ निकाला गया अब सरकार ने इसे रद्द कर दिया, इससे यह साबित होता है कि कहीं ना कहीं गड़बड़ी जरूर हुई है।

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