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तो इस कारण मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार

तो इनके जन्म की खुशी में मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार

By Mohit TanwarEdited By: Updated: Fri, 28 Oct 2016 09:01 AM (IST)
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इस बार धनतेरस 28 अक्टूबर को है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। ऐसी मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं। इसलिए इसे धनतेरस के त्योहार के रुप में मनाया जाता है। धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। लेकिन धनतेरस से जुड़ी कई कथाएं हैं जिनसे पता चलता है कि दीपावली से पहले धनतेरस क्यों मनाया जाता है और धनतेरस का हमारे जीवन में क्या महत्व है। आइए जानते हैं....

ऐसा माना जाता है कि संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले धनवंतरी का अवतार लिया था।

धनतेरस के दिन ऐसा माना जाता है कि इस दिन नया सामान खरीदने से धन 13 गुना बढ़ जाता है। धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है।

इस दिन सोना और चांदी जैसी धातुओं को खरीदना अच्छा माना जाता है। इस मौके पर लोग धन की वर्षा के लिए नए बर्तन और आभूषण खरीदते हैं। ऐसी मान्यता है कि धातु नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती है। यहां तक कि धातु से आने वाली तरंगे भी थेराप्यूटिक प्रभाव पैदा करती है। इसलिए धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदन परंपरा सदियों से चली आ रही है। हालांकि इस मौके पर सिर्फ सोने और चांदी की ही नहीं बल्कि कई अन्य सामान भी लोग खरीदते हैं। कई लोग इस मौके पर मोटर साईकिल अथवा कार लेना भी पसंद करते हैं।

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