इंसानों की तरह चैट करता है मशीनी ‘बॉट’
आपने किसी-किसी वेबसाइट पर ‘मे आई हेल्प यू’या ऐसा ही कोई वाक्य लिखा होगा। वहां दिए बटन को दबाने पर उस कंपनी के प्रतिनिधि के साथ ग्राहकों की चैट शुरू हो जाती है।
आपने किसी-किसी वेबसाइट पर ‘मे आई हेल्प यू’या ऐसा ही कोई वाक्य लिखा होगा। वहां दिए बटन को दबाने पर उस कंपनी के प्रतिनिधि के साथ ग्राहकों की चैट शुरू हो जाती है। आप पूछते हैं कि मेरे फलां अनुरोध पर आगे क्या कार्रवाई हुई है? कंपनी का प्रतिनिधि ताजा स्थिति बता देता है। ऐसे कई प्रतिनिधि ग्राहकों के सवालों के जवाब देने के लिए तैनात रखे जाते हैं। लेकिन अगर यह काम किसी इंसान के बिना ही संपन्न हो जाए तो? सब कुछ वैसा ही हो, बस सामने इंसान नहीं, बल्कि कोई सॉफ्टवेयर टूल हो! जी हां, अब ऐसा होने लगा है। वेबसाइटों पर ऐसे टूल तैनात किए जाने लगे हैं, जो काफी हद तक इंसान की ही तरह बातचीत करने में सक्षम हैं। सिर्फ सामान्य सवाल-जवाब ही नहीं, वे किसी खास मामले से जुड़ी जानकारियां लेने-देने और उन पर आगे कार्रवाई करने में भी सक्षम हैं। ये आपसे ऑर्डर भी ले सकते हैं और डिलीवरी का इंतजाम भी कर सकते हैं। नहीं, बॉट्स की तुलना किसी कंपनी के दफ्तर में फोन करने पर सुनाए जाने वाले विकल्पों से न करें (बिल जानना है तो एक दबाएं आदि आदि)। यह ग्राहक को कई विकल्पों से होते हुए सही व्यक्ति तक ले जाने वाली प्रणाली नहीं है, बल्कि खुद ही उसके साथ संवाद करने में सक्षम प्रणाली है। यह इंटेलिजेंट टूल हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आधुनिक विश्लेषण क्षमताओं का इस्तेमाल करते हैं। इन टूल्स को ‘बॉट’ कहा जाता है, जो रोबोट का संक्षिप्त रूप है।
बॉट का उपयोग
माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ अरसा पहले अपना बॉट फ्रेमवर्क सार्वजनिक उपयोग के लिए जारी किया है। कोई भी वेबसाइट, वेब या क्लाउड आधारित सेवा देने वाली कंपनी इनका इस्तेमाल ग्राहकों के साथ ऑनलाइन संवाद और उनकी शिकायतों या प्रश्नों पर कार्यवाही
के लिए कर सकती हैं। लेकिन सिर्फ वेबसाइट ही क्यों, आप चाहें तो अपने ऐप्प, स्काइप संवाद, फेसबुक मैसेंजर, ऑफिस 365 मेल और ऐसी ही कई दूसरी सेवाओं पर अपने बॉट तैनात कर सकते हैं। मिसाल के तौर पर ‘कैप्शन बॉट’जो किसी भी तस्वीर को देखकर बता देता है कि यह किसकी और कैसी तस्वीर है। उसके सामने मुस्कुराते हुए प्रधानमंत्री जी की तस्वीर आई तो वह कहेगा, मुझे लगता है कि ये नरेंद्र मोदी हैं, जो मुस्कुरा रहे हैं या फिर यह कि यह चित्र आगरा के ताजमहल का है या फिर लंदन ब्रिज का।
‘स्काईस्कैनर’ यात्रा से संबंधित जानकारी खोजकर लाने वाला बॉट है, तो ‘स्टबहब’ आपके लिए तमाम तरह के खेलों, संगीत कार्यक्रमों, नाटकों आदि के टिकट कटा सकता है। ‘कार्डिया’ सेहत के बारे में आपके सवालों के जवाब देने में सक्षम है। ‘फ्रीबिजी’ आपके लिए मीटिंग फिक्स कर सकता है तो ‘पेग’ आपके कारोबार में पैसे की क्या हालत चल रही है उस पर नजर रख सकता है। माइक्रोसॉफ्ट बॉट फ्रेमवर्क में उपलब्ध रेडीमेट बॉट को अपनी वेबसाइट, ऐप आदि में तैनात कर सकते हैं। इसके लिए महज कुछ लाइनों का कोड लिखने की जरूरत है। अगर आपको थोड़ी बहुत तकनीकी जानकारी है, तो नि:शुल्क और ओपन सोर्स बॉट बिल्डर एसडीके का इस्तेमाल कर अपने निजी बॉट विकसित कर सकते हैं।
-बालेन्दु शर्मा दाधीच