इन अंधविश्वासों के पीछे ये है वैज्ञानिक कारण
हमारे पूर्वजो द्वारा बनाए गए इन रिवाजों पीछे विज्ञान काम करता है। जी हां हर अंधविश्वास के पीछे छुपा है एक वैज्ञानिक तथ्य। आएये जानते है
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2016 10:29 AM (IST)
हमारे समाज में कुछ रिवाज ऐसे हैं जिन्हें अंधविश्वास की नजर से देखा जाता है। जैस घर के बाहर नींबू मिर्ची टांग देना, दही खा कर घर से बाहर ना निकलना वगैरहा वगैरहा। पर क्या आप जानते है कि हमारे पूर्वजो द्वारा बनाए गए इन रिवाजों पीछे विज्ञान काम करता है। जी हां हर अंधविश्वास के पीछे छुपा है एक वैज्ञानिक तथ्य। आएये जानते है
सांप को मारने के बाद सिर कुचलनाकहा जाता है सांप को मारने वाले की तस्वीर उसकी आंखों में छप जाती है। जबकि इस अंधविश्वासा के पीछे लॉजिक ये है कि सांप के मरने के बाद भी उसका जहर लोगों को मार सकता है। इसलिए उसके सिर को कुचल कर दबा दिया जाता है ।
ग्रहण के समय बाहर ना आना
हमारे बड़े अक्सर हमें ग्रहण के समय बाहर निकलने नहीं देते उनके मुताबिक इस दौरान बुरी ताकते हावी हो जाती हैं। जबकि इसके पीछे का असली लॉजिक है कि ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणों से त्वचा के रोग हो सकते हैं। साथ ही नंगी आंखों से उसे देखने से लोग अंधे भी हो सकते हैं।मंगल और गुरुवार को बाल न धोना
आपने अक्सर देखा होगा अक्सर महिलाएं मंगल और गुरूवार को बाल धोने से परहेज करती है। क्योंकि उन्हें लगता है कि इस दिन बाल धोने से बुरे वक्त की शुरूआत होती है।
लेकिन आपको बता दें कि पुराने वक्त में लोग अपने घरों में पानी स्टोर करके रखते थे। बाल धोने में पानी ज्यादा खर्च होता है , तो इन दो दिन पानी बचाने के लिए बाल नहीं धोए जाते थे।
हमारे बड़े अक्सर हमें ग्रहण के समय बाहर निकलने नहीं देते उनके मुताबिक इस दौरान बुरी ताकते हावी हो जाती हैं। जबकि इसके पीछे का असली लॉजिक है कि ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणों से त्वचा के रोग हो सकते हैं। साथ ही नंगी आंखों से उसे देखने से लोग अंधे भी हो सकते हैं।मंगल और गुरुवार को बाल न धोना
आपने अक्सर देखा होगा अक्सर महिलाएं मंगल और गुरूवार को बाल धोने से परहेज करती है। क्योंकि उन्हें लगता है कि इस दिन बाल धोने से बुरे वक्त की शुरूआत होती है।
लेकिन आपको बता दें कि पुराने वक्त में लोग अपने घरों में पानी स्टोर करके रखते थे। बाल धोने में पानी ज्यादा खर्च होता है , तो इन दो दिन पानी बचाने के लिए बाल नहीं धोए जाते थे।
पढ़ें- यहां करें पता आपके घर में वास्तु दोष है या नहीं?गर्भवती महिला के बाहर जाने पर पाबंदी
बुरी आत्मा का साया मां और होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है। ऐसा करने के पीछे लॉजिक है कि पहले के वक्त में आने-जाने के साधनों की कमी थी और गर्भवती महिलाओं को पैदल चलने की समस्या होती थी।
बुरी आत्मा का साया मां और होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है। ऐसा करने के पीछे लॉजिक है कि पहले के वक्त में आने-जाने के साधनों की कमी थी और गर्भवती महिलाओं को पैदल चलने की समस्या होती थी।
रात में नाखून नहीं काटना
लोगों में रात में नाखून ना काटने को लेकर अंधविश्वास है कि रात में ऐसा करने से किस्मत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जबकि पुराने वक्त में बिजली नहीं होने के कारण रात में नाखून नहीं काटे जाते थे। उस वक्त नाखून काटने के लिए भी औजारों का इस्तेमाल किया जाता था। इससे अंधेरे में उंगिलयों के कटने के कटने का डर भी होता था।दही खा कर घर से बाहर ना निकलना
किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले घर से दही खाकर निकलना शुभ माना जाता है। लेकिन इसके पीछे लॉजिक है कि गर्म मौसम के कारण दही खाने से पेट ठंडा रहता है। साथ ही दही में चीनी मिलाकर खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा सही बनी रहती है।दरवाजे पर नींबू मिर्ची लटकाना दरवाजे पर नींबू मिर्ची लटकाने पीछे लोगों का अंधविश्वास है कि ऐसा करने से बुरी ताकतो का साया दूर रहता है। इसके पीछे असली लॉजिक है कि नींबू मिर्ची में मौजूद सायटिक एसिड होता है जो कीड़े-मकौड़ों को घर में घुसने से रोकता है। पढ़ें- वीरू पाजी के धरम-गरम शोले
लोगों में रात में नाखून ना काटने को लेकर अंधविश्वास है कि रात में ऐसा करने से किस्मत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जबकि पुराने वक्त में बिजली नहीं होने के कारण रात में नाखून नहीं काटे जाते थे। उस वक्त नाखून काटने के लिए भी औजारों का इस्तेमाल किया जाता था। इससे अंधेरे में उंगिलयों के कटने के कटने का डर भी होता था।दही खा कर घर से बाहर ना निकलना
किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले घर से दही खाकर निकलना शुभ माना जाता है। लेकिन इसके पीछे लॉजिक है कि गर्म मौसम के कारण दही खाने से पेट ठंडा रहता है। साथ ही दही में चीनी मिलाकर खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा सही बनी रहती है।दरवाजे पर नींबू मिर्ची लटकाना दरवाजे पर नींबू मिर्ची लटकाने पीछे लोगों का अंधविश्वास है कि ऐसा करने से बुरी ताकतो का साया दूर रहता है। इसके पीछे असली लॉजिक है कि नींबू मिर्ची में मौजूद सायटिक एसिड होता है जो कीड़े-मकौड़ों को घर में घुसने से रोकता है। पढ़ें- वीरू पाजी के धरम-गरम शोले