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रेलवे की लापरवाही

-चौथे दिन नहीं दौड़े उम्मीदवार, लौटना पड़ा अपने-अपने घर जागरण संवाददाता, अंबाला : रेलवे में ग्

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 04:25 AM (IST)

-चौथे दिन नहीं दौड़े उम्मीदवार, लौटना पड़ा अपने-अपने घर

जागरण संवाददाता, अंबाला : रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती में लापरवाही का खामियाजा हजारों उम्मीदवारों को भुगतना पड़ा। रेलवे ने तकनीकी कारणों का हवाला देते भर्ती रद कर दी है। पिछले कई दिनों से उम्मीदवार दौड़ लगा रहे हैं जिसमें से हजारों का दौड़ में चयन कर लिया गया था। बृहस्पतिवार को दौड़ की प्रक्रिया रोकनी पड़ी। हालांकि, कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए लेकिन रेलवे का तर्क है कि जिस कंपनी को टेंडर दिया था उससे काम ठीक ढंग से नहीं हो सका। यह भर्ती अंबाला छावनी के रेल विहार स्थित रेल ग्राउंड में चल रही थी।

उत्तर रेलवे की ओर से वर्ष 2013 में ग्रुप डी के लिए हजारों पदों भर्ती निकाली गई थी। जिसके लिए 23 मार्च से 28 मार्च तक उम्मीदवारों का फीजिकल टेस्ट लिया जा रहा था। भर्ती में प्रत्येक दिन एक हजार उम्मीदवारों को बुलाया जा रहा था। अंबाला में यह भर्ती प्रक्रिया सोमवार से शुरू हुई थी। ऐसे में भर्ती के तीसरे दिन शाम के समय ही कम्प्यूटर में ऑनलाइन प्रक्रिया में कई प्रकार की दिक्कतें आने लगी। ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत आने के कारण उम्मीदवारों की चेकिंग प्रक्रिया में भी काफी परेशानी होने लगी। ऐसे में जैसे ही मंगलवार को भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी थी तो जैसे तैसे करके भर्ती को पूरा किया। लेकिन अगले दिन बुधवार को भी दिन के समय काफी दिक्कतें हुई और शाम होते-होते सर्वर ठप हो गया। सर्वर ठप हो जाने से ऑनलाइन की जाने वाली सारी प्रक्रिया को बंद करना पड़ा।

सर्वर ठप हो जाने की सूचना वहां मौजूद रेलवे में अधिकारियों को दी गई और उन्होंने इस बारे नई दिल्ली स्थित कार्यालय में सूचना दी। जिसके बाद उसी दौरान रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से इस कंपनी के साथ किए गए कांट्रेक्ट को रद करने की सूचना दी गई। कांट्रेक्ट रद किए जाने की सूचना मिलते ही कंपनी की ओर से सारा सामान पैक करने की तैयारी शुरू कर दी गई। इसकी सूचना फीजिकल के लिए पहुंचने वाले उम्मीदवारों को नहीं दी गई।

बैरंग लौटे हजारों उम्मीदवार

प्रत्येक दिन फीजिकल टेस्ट के लिए एक-एक हजार उम्मीदवारों को बुलाया गया था। ऐसे में बृहस्पतिवार को भी करीब एक हजार उम्मीदवारों ने टेस्ट देना था, जिसके लिए बहुत से उम्मीदवार तो एक रात पहले ही यहां पहुंच गए थे। लेकिन किसी भी उम्मीदवार को यह खबर नहीं थी कि उनका भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई है। ऐसे में फीजिकल टेस्ट देने पहुंचे हजारों उम्मीदवारों को बैरंग ही अपने घरों को लौटना पड़ा।

ऑनलाइन हो रहा था सारा काम

उम्मीदवारों को चेस्ट नंबर दिए जाने से पहले यह कम्प्यूटर पर उम्मीदवार की सबसे पहले आंखों को स्कैन किया जा रहा था। आंखों के बाद उसके पहले ही ऑनलाइन दर्ज हुए हस्ताक्षर मिलान होते थे। उम्मीदवार की दोनों ही प्रक्रियाओं में वेरीफिकेशन हो जाने के पश्चात उसे चेस्ट नंबर दिया जाता था।

निजी कंपनी को दिया गया था ठेका

रेलवे की ओर से फीजिकल टेस्ट के लिए दिल्ली की एक सॉफ्टवेयर कंपनी को इसका ठेका दिया गया था। है। इस कंपनी के 50 से अधिक कर्मी इस भर्ती प्रक्रिया में काम कर रहे थे।

पहले दिन 960 हुए थे पास

उत्तर रेलवे की भर्ती में उम्मीदवारों को उनके फीजिकल का रिजल्ट भी कुछ ही मिनटों बाद बताया जा रहा था। कैंप में ग्रुप मुताबिक उम्मीदवारों का रिकॉर्ड मशीनों के साथ कम्प्यूटरों में ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा था। पहले दिन एक हजार में से करीब 960 लोगों ने फीजिकल टेस्ट पास किया था।


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