हाईकोर्ट जज ने किया न्यायिक परिसर का दौरा
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं अंबाला की इंस्पे¨क्टग
By Edited By: Updated: Sat, 30 Apr 2016 07:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं अंबाला की इंस्पे¨क्टग जज दया चौधरी ने शनिवार को न्यायिक परिसर अंबाला शहर और बार एसोसिएशन का दौरा किया।
दोनों स्थलों की समस्याओं का भौतिक निरीक्षण करने के साथ-साथ न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं से समस्याओं के समाधान पर विस्तृत चर्चा भी की। उन्होंने अपने स्तर पर हल होने वाली समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया और शेष समस्याओं के लिए उच्च न्यायालय की संबंधित कमेटी से हल करवाने के प्रयास की बात कही। इस दौरान उन्होंने निरीक्षण के दौरान बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भाग लिया और कांफ्रेंस हाल में न्यायिक अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता भी की। न्यायाधीश दया चौधरी ने वकीलों के चैंबरों व कोर्ट कंपाउंड में बने हवालात का दौरा किया और सुरक्षा मानकों को जांचा। उन्होंने हवालात को बड़ा करवाने और चाहरदीवारी को बड़ा करवाने की बात भी कही। उन्होंने न्यायिक परिसर क्षेत्र में बन रहे एडीआर सेंटर का निरीक्षण भी किया। इसके उपरांत उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की तथा लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए लोक अदालत, मीडिएशन सेंटर, पब्लिक यूटिलिटी कोर्ट सहित अन्य माध्यमों को और अधिक सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता सहित कई मौजूद रहे। न्यायाधीश ने कहा कि अंबाला कोर्ट में चैंबरों की कमी है व बिल्डिंग व बिजली बिलों को लेकर दिक्कत आ रही है। इन सभी चीजों पर जल्द चर्चा कर हल किया जायेगा। उन्होंने कहा उन चीजों को भी देखा जायेगा कि किन कामों में देरी है और किस तरफ से है । जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने इंस्पे¨क्टग जज को न्यायिक अधिकारियों व स्टाफ के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाने, कैदियों को न्यायिक परिसर के हवालात कक्ष तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए रास्ते को चौड़ा करने, हवालातियों को रखने के लिए उपलब्ध स्थान में विस्तार करने, न्यायिक परिसर की सुरक्षा को और सुदृढ़ करने सहित अन्य समस्याएं रखी।
ये रखी बार एसोसिएशन ने मांगें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहित जैन ने वकीलों के लिए अतिरिक्त चैंबर के निर्माण, मल्टी स्टोरी पार्किंग के निर्माण, चैंबर के प्रथम तल को न्यायिक परिसर से जोड़ने, एटीएम की पुनस्र्थापना,लाइब्रेरी के बिजली के बिल की अदायगी सरकारी कोष से करवाने, वकीलों के चैंबर के बिजली के बिल व्यवसायिक दर की बजाए घरेलू दर से करवाने, लीटिगेशन हाल के निर्माण तथा न्यायिक परिसर में बैठे अर्जी नवीस व टाइपिस्टों के लिए सुविधाजनक स्थान की व्यवस्था की मांगे रखी। इंस्पे¨क्टग जज ने सभी समस्याओं की प्रशासनिक और उच्च न्यायालय स्तर पर समीक्षा के बाद उनके हर संभव समाधान का आश्वासन दिया।
गरीब व्यक्ति की आखिरी उम्मीद न्यायपालिका न्यायाधीश दया चौधरी ने कहा कि समाज के हताश और गरीब व्यक्ति की सबसे आखिरी उम्मीद न्यायपालिका है। न्यायिक अधिकारियों और वकीलों का यह नैतिक दायित्व है कि वह कानून के दायरे में रहते हुए जरूरतमंदों का न्याय दिलवाने के साथ-साथ मानव संवेदनाओं को भी समझें और व्यवहारिक न्याय पर भी विशेष बल दें। अधिकतर मामलों में दोनों पक्षों को गल्तियों के वास्तविक परिणाम से अवगत करवाकर मामलों को न्यायालय के बाहर भी निपटाया जा सकता है और इस तरह से कार्य करने पर सरकारी ड्यूटी और वकीलों के व्यवसाय के साथ-साथ सामाजिक दायित्व की पूर्ति भी होती है।
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