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रैगिंग का खौफ : छात्राओं से कराते थे टायलेट साफ, शौच के समय खींचते थे फोटो

अंबाला के नर्सिेग स्‍कूल में रैगिंग का विकृत रूप सामने आया है। आरोप है कि यहां सीनयिर छात्राएं अपने जूनियर छात्राओं से टायलेट साफ करवाती थीं अौर शौच के समय उनकी फोटो खींचती थीं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 26 Oct 2016 02:15 PM (IST)

जेएनएन, अंबाला शहर। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के शहर के एक शैक्षणिक संस्थान में रैगिंग का भयावह रूप सामने आया है। यहा एक नर्सिंग स्कूल के छात्रावास में प्रथम वर्ष की छात्राओं ने रैगिंग के नाम पर बेहद सुलूक किए जाने का आरोप लगाए हैं। आरोप है कि इन छात्राओं से टायलेट साफ कराए जाते थे और शौच करते समय इनकी तस्वीरें खींची जाती थीं। इससे सहमी चार छात्राओं ने जीएमएन कोर्स से अपना नाम कटवा लिया है।

चार छात्राओं ने संस्थान से कटवाया नाम, परिजनों ने किया हंगामा

मामले की जानकार मिलने पर छात्राओं के परिजन संस्थान में पहुंचे और खूब बवाल काटा। उन्होेंने प्रिंसिपल अौर डायरेक्टर के सामने जमकर हंगामा किया और उन पर घटना की जानकारी होने के बावजूद समुचित कार्रवाई करने का अारोप लगाया।

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गुस्साए परिजनों ने कहा कि हॉस्टल मं सीनियर छात्राएं यहां आईं जूनियर छात्राओं का रैगिंग करती हैं और उन पर जमकर अत्याचार करती हैं। इन छात्राओं से टॉयलेट साफ कराए जाते हैं और शौच के दौरान उनकी तस्वीर खीची जाती है। परिजनाें ने अारोप लगाया कि सीनियर छात्राएं धमकी देते हुए कहती है कि उनके विरोध में बोलीं तो कॉलेज में तीन साल नहीं रहने देंगी।

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परिजनों ने कहा कि वे इस मामले के बारे में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज काे लिखित शिकायत देंगे। मामले ने तूल पकड़ा तो प्रिंसिपल सहित संस्थान के डायरेक्टर मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन चार अभिभावक मानने के लिए तैयार नहीं हुए। वहीं, एक अभिभावक ने एक मौका और देने की बात कहकर अपनी बेटी को कॉलेज में ही रखा है।

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दरअसल, अंबाला शहर में गवर्नमेंट वूमैन पोलिटेक्निक के पास फिलाडेलफिया अस्पताल (मिशन अस्पताल) में नर्सिग स्कूल चल रहा है। परिजनो के आरोप है की छात्रावास में शौचालयों के दरवाजे टूटे हुए हैं और सीनियर छात्राएं मोबाइल फोन से जूनियर छात्राओ की तस्वीरें खींचती है। इसके अलावा उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रताडि़त किया जाता है। नाम कटवाने वाली चार छात्राएं अंबाला की ही है। दूसरी ओर प्रबंधन ने आरोपों काे सिरे से नकार दिया है।

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नहीं दिए जा रहे ओरिजनल सर्टिफिकेट

गुस्साए अभिभावकों ने कहा कि कॉलेज प्रबंधन दाखिले के समय जमा कराए ओरिजनल सर्टिफिकेट वापस नहीं दे रहा। परिजनों ने कहा कि यदि उनकी बेटियों के डाक्यूमेंट और पैसे वापस नहीं दिए गए तो वे स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और डीसी प्रभजोत सिंह सहित कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे।

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'' मैंने परिजनों से बात की है। यदि वे अपनी बेटियों को यहां नहीं रखना चाहते तो 1 नवंबर को फीस व डाक्यूमेंट वापस कर दिए जाएंगे। अभी दाखिला प्रक्रिया चल रही है। डाक्यूमेंट जांच के लिए रखे जाते हैं। रैगिंग के आरोप निराधार है।

-एस सादिक, डायरेक्टर।

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