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यह कैसी मजबूरी, विदेशी दुल्‍हनिया को छाेड़ना होगा पिया का घर

कजाकिस्‍तान की एक युवती को फतेहाबाद के समैन के युवक से प्‍यार हाे गया। वह अपना वतन छोड़ कर यहां आ गई और दाेनों ने शादी कर ली, लेकिन अब उसे अपने पिया का घ्र छोड़ना पड़ेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2016 10:08 AM (IST)
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जेएनएन, समैन (फतेहाबाद)। कजाकिस्तान की एक बाला को हरियाणा के एक गबरू जवान से प्यार हाे गया। प्यार में दीवानी वह हरियाणा के गांव समैन तक आ गई और उससे हिंदू रीति-रिवाज से शादी के बंधन में बंध गई। परिवार के लोगों ने भी उसका दिल खोलकर स्वागत किया और वह हरियाणी रंग में रंगने लगी। यहां का पहनावा भी अपना लिया और घरेलू कामकाज में भी जुट गई। शादी का रजिस्ट्रेशन भी हो गया, लेकिन अब ऐसी मजबूरी आ गई है कि उसे पिया का घर छोड़ना पड़ेगा।

कजाकिस्तान की झाना चालाबायेवा को हरियाणा के समैन के टीनू जांगड़ा से प्यार हो गया था। इसके बाद वह यहां आ गई आैर टीनू से शादी कर खुद को हरियाणवी संस्कृति में ढाल लिया। बुधवार को प्रशासन की ओर से दाेनों को शादी का रजिस्ट्रेशन भी मिल गया। लेकिन, अब उसके अपने ससुराल से बिछड़ने की नौबत आ गई है। गांव समैन की बहू बनने के बाद भी झाना के गांव में ही रहने पर संशय है। दरअसल झाना भारत टूरिस्ट वीजा पर आई थी। इस वीजा की अवधि 1 अगस्त तक ही है, यानि इसकी अवधि समाप्त होने में महज 25 दिन बचे हैं।

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झाना के पति टीनू जांगड़ा ने बताया कि अभी यह कहना मुश्किल है कि झाना गांव समैन में ही रहेगी या उसे अपने वतन वापस लौटेना पड़ेगा। टीनू का कहना है कि वह इस बारे में एक्सपर्ट से राय लेकर झाना का वीजा एक्सटेंड करवाने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क करेंगे।

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33 वर्षीय झाना ने 4 जून को हिंदू रीति-रिवाज से गांव समैन निवासी टीनू जांगड़ा से शादी रचा ली थी। टीनू जांगड़ा के अनुसार, उसे शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए दिन-रात एक करना पड़ा। प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटने पड़े। वहीं अब झाना के वीजा की अवधि बढ़वाने के लिए उसे जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय के चक्कर काटने पड़ेंगे।

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हरियाणवी संस्कृति में ढल गई झाना

झाना चालाबायेवा वकालत की पढ़ाई कर चुकी है अौर छह भाषाओं की जानकारी रखती है। उसने शादी के बाद विदेशी कल्चर छोड़ हरियाणवी संस्कृति काे अपनाना शुरू कर दिया है। हालांकि वह अभी पूरी तरह से यहां की भाषा नहीं सीख पाई है, लेकिन हरियाणवी सूट व साड़ी आदि पहनने लगी है। घर व खेत से जुड़े कार्य भी वह बेहद खुशी से करती है।

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