महानगर बनने की राह पर गुरुग्राम, ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेगी विकास की रफ्तार
गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के दायरे में जिले के कई कस्बे और गांव भी आएंगे। जिससे देहात के इलाकों का भी विकास होगा।
गुरुग्राम [संदीप रतन]। छोटे शहर से साइबर हब और ग्लोबल विलेज के रूप में पहचान बना चुकी साइबर सिटी अब मेट्रोपॉलिटन सिटी (महानगर) भी कहलाएगी। जीएमडीए (गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी) के बिल को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है। जीएमडीए पर अंतिम मुहर लगने के बाद गुरुग्राम की तस्वीर बदल जाएगी। कई बड़े प्रोजेक्ट आने से साइबर सिटी का तेजी से विकास होगा।
महानगर की तर्ज पर होगा विकासजीएमडीए यानि गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण बनने से महानगर की तर्ज पर गुरुग्राम का डेवलपमेंट होगा। अभी तक गुरुग्राम में हुडा और नगर निगम ही डेवलपमेंट एजेंसी के रूप में कार्य कर रहे थे। अब शहर में हुडा और नगर निगम अपने क्षेत्र में डेवलपमेंट व मेंटीनेंस वर्क जीएमडीए के साथ मिलकर करेंगे। जीएमडीए बनने शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले का विकास होगा।
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गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के दायरे में जिले के कई कस्बे और गांव भी आएंगे। जिससे देहात के इलाकों का भी विकास होगा। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के मास्टर प्लान में जयपुर जिले के 11 सेटेलाइट टाउन का डेवलपमेंट और गांवों का आधुनिकीकरण भी शामिल है। इसी तर्ज पर जीएमडीए भी गुरुग्राम जिले में काम करेगा।
इस तरह बदल जाएगा शहर
ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी: शहर की आबादी 15 लाख से ज्यादा है। फिलहाल परिवहन की कोई सुविधा नहीं है। मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी पर जोर देगी, जिससे पूरे शहर को इसका फायदा मिलेगा। शहर में मेट्रो रेल की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए प्रोजेक्ट आएंगे। सिटी बस की संख्या बढ़ेगी। जापान की तर्ज पर ऑटोमेटेड गेटवे ट्रांजिट सिस्टम और पॉड टैक्सी जैसे लंबित प्रोजेक्ट भी जल्द सिरे चढ़ाने में मदद मिलेगी।
पर्यावरण: महानगर बनने के बाद वहां के नागरिकों को स्वच्छ वातावरण देने की जिम्मेदारी भी जीएमडीए की होगी। दिल्ली-गुरुग्राम में पहले ही प्रदूषण की परेशानी है। ऐसे में प्रदूषण को घटाने व हरियाली को बढ़ाने के लिए जीएमडीए का काम करेगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर में कूड़े के निपटान की समस्या है। अब जीएमडीए ही बंधवाड़ी के सॉलिड वेस्ट प्लांट को जल्द चालू करवाने और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा।
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एजुकेशन: शहर में नए कॉलेज और विश्वविद्यालय खुलने से शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा। जीएमडीए का बजट हुडा और नगर निगम के कई गुना ज्यादा होगा। बजट ज्यादा होने से बड़े प्रोजेक्ट पर जल्दी काम होगा।
दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है गुरुग्राम
500 से ज्यादा मल्टी नेशनल कंपनियां। साइबर हब की चकाचौंध। साइबर सिटी का नजारा रात के वक्त किसी विदेशी महानगर जैसा होता है। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर ही नहीं पूरे देश और विदेश के लोगों के लिए भी साइबर सिटी का आकर्षण का केंद्र रही है। लेकिन गगनचुंबी आलीशान इमारतों और पॉश इलाकों में भी पेयजल, सीवेज और रोड जैसी दिक्कतें हैं। जीएमडीए के सक्रिय होने के बाद साइबर सिटी की ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी।