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श्‍मशान में चल रही थी अंतिम संस्‍कार की तैयारी और 'मुर्दा' खड़ा हो गया

फतेहाबाद जिले के जांडली खुर्द में एक अविश्‍वसनीय घटना हुई। गांव के एक व्‍यक्ति को डाक्‍टरों ने मृत घोषित कर दिया। श्‍मशान में अंतिम संस्‍कार की तैयारी हो रही थी कि वह खड़ा हो गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2016 03:56 PM (IST)
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जेएनएन, हिसार। किसी व्यक्ति की मौत के दोबारा जीवित होने की घटना कई बार सुनने में आया है, लेकिन इस पर सहज ही विश्वास नहीं हाेता है। ऐसा ही कुछ फतेहाबाद के गांव जांडली खुर्द में घटित हुआ तो लोग ताज्जुब में पड़ गए। गांव में एक व्यक्ति को डाक्टरों द्वारा मृत घोषित करने के बाद श्मशान में उसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी कि वह उठ कर खड़ा हो गया। इससे लोगों के होश उड़ गए अौर उसे जिंदा देख परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तुरंत डाक्टरों को बुलाया गया, लेकिन कुछ घंटे बाद वह फिर बेजान हो गया। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस अविश्वसनीय घटना से गांव के लोग अभी भी विस्मय में पड़े हुए हैं। लोगों ने बाद में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक जांडली खुर्द वासी सुभाष काफी समय से लीवर की बीमारी से ग्रस्त था। उसका इलाज हिसार के डाबड़ा चौक पुल के नजदीक जाने-माने निजी अस्पताल में चल रहा था। मंगलवार दोपहर को सुभाष की तबीयत बिगड़ गई। बाद में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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सुभाष के भाई रमेश के अनुसार, जब परिजन गा़ड़ी में शव लेकर घर जा रहे थे तो अचानक रास्ते में सुभाष का हाथ व शरीर हिला। उसे लगा कि शायद गड्ढे से गाड़ी गुजरने की वजह से शव हिला होगा। उसने इसे नजरअंदाज कर दिया।

रमेश ने कहा, जब शव घर लेकर पहुंचे तो वहां मातम का माहौल था। परिजन बिलख रहे थे। इस दौरान सुभाष के शरीर को मुखाग्नि से पूर्व नहला रहे थे कि अचानक उसका शरीर फिर से हिलने लगा और वह उठ खड़ा हुआ। यह देखकर मैं ही नहीं बल्कि पूरा परिवार व आसपास के लोग सन्न हो गए। दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। कुछ देर तक लगा कि यह कैसे चमत्कार हो गया? पर, जो भी हुआ दिल को सुकून मिला कि सुभाष फिर से जी उठा।

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रमेश ने बताया कि उसने तुरंत गांव के डॉक्टर को बुलाकर इलाज शुरू करवाया। करीब डेढ़ घंटे तक सुभाष की सांसें चल रही थी। वह सभी को देख रहा था लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया उसकी सांसें थमने लगीं। दिल की धड़कन और नब्ज चलनी बंद हो गई। डॉक्टर ने उसे फिर से मृत घोषित कर दिया और आखिर में पल भर खुशी के बाद घर में मातम छा गया। सुभाष का अंतिम संस्कार कर दिया है।

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