हरियाणा की दो बेटियों के कंधोंं पर सजे सितारे
हरियाणा की दो बेटियों ने कंधों पर सख्त मेहनत के बाद सितारे सजे हैं। झज्जर की साक्षिका गुलिया को नौसेना में ऑब्जर्वर और पंचकूूला की दिव्या का सब लेफ्टिनेंट के तौर पर चयन हुआ है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आज बेटियां हर क्षेत्र में सफलता के नित नए-नए आयाम स्थापित कर रही हैं । बात हरियाणा की आए तो यहां की बेटियां भी अब साबित कर रही हैं कि वे किसी भी मायने में लड़कों से कम नहींं हैं। हरियाणा की दो बेटियों के कंधों पर सख्त मेहनत के बाद सितारे सजे हैं। राज्य की दो बेटियां भारतीय नौसेना की अधिकारी बनी हैं।
झज्जर की साक्षिका गुलिया बनीं ऑब्जर्वरयहांं जिले के बामडोला गांव की साक्षिका गुलिया का नेवी में आब्जर्वर के तौर चयन हुआ है। उन्होंने इसके लिए ट्रेनिंग भी पूरी कर ली है। साक्षिका को इसके लिए केरल में इन्डियन नेवी के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में सख्त ट्रेनिंग दी गई। साक्षिका की स्कूली शिक्षा सोनीपत से और इंजीनियरिंग की पढ़ाई एमडीयू, रोहतक से हुई है। वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। साक्षिका का चयन 2015 हुआ था।
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साक्षिका ने बताया कि उसे सेना में जाने की प्रेरणा अपने परिवार से ही मिली । उसके परदादा चौ. दल्लेराम इलाके के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। वहीं, दादाा ने भी फौज में रहकर लंबे वक्त तक देश की सेवा की है। साक्षिका के पिताा गजेन्द्र गुलिया हरियाणा पुलिस में सीनियर इन्सपेक्टर हैं। उसकी मां गीता गुलिया झज्जर पोलिटेक्निक में प्राचार्य हैं । साक्षिका का कहना है कि सेना से बेहतर राष्ट्र सेवा का विकल्प दूसरा नहीं है और उसे गर्व है कि राष्ट्रसेवा के लिए उसे चुना गया है।
पंचकूला की दिव्या का सब लेफ्टिनेंट के तौर पर चयन
वहीं, हरियाणा की एक और बेटी के कंधो पर सितारे लगे हैं। पंचकूला की दिव्या शर्मा का भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के तौर पर चयन हुआ है। दिव्या भी बचपन से ही देशसेवा का सपना देखती थी। उसके पिताा भगवान यादव पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) में डिप्टी सुप्रीन्टेंडेंट हैं जबकि मां संतोष गृहणी है। दिव्याा परिवार मेंं सबसे छोटी है।
दिव्या यादव ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। उसने कहा कि उसके हर फैसले में परिवार ने उसका साथ दिया। इसीलिए वह नेवी में अफसर बन पाई। दिव्या की ट्रेनिंग भी केरल से ही हुई है। वह 28 दिसंबर 2015 को ट्रेनिंग पर गई थी।