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किसानों ने अपना खुद का कीट ज्ञान पैदा किया : डॉ. दलाल

By Edited By: Updated: Tue, 18 Sep 2012 07:30 PM (IST)
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जागरण संवाद केंद्र, जींद : ज्ञान, विज्ञान और तकनीक देश के विकास की धुरी होती है। ज्ञान व विज्ञान को जनता पैदा करती और यह जनता के ही काम आता है, लेकिन तकनीक व्यापार को ध्यान में रखकर पैदा की जाती है और तकनीक पैदा करने वाले के ही काम आती है। यह बात कृषि विकास अधिकारी डॉ. सुरेद्र दलाल ने मंगलवार को निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला में खाप पंचायत की 13वीं बैठक में कही।

बैठक की अध्यक्षता सर्व खाप पंचायत के संयोजक कुलदीप ढांडा ने की। इस अवसर पर बैठक में कुंडू खाप कालवा के प्रधान सुभाष कुंडू, देवव्रत ढांडा, बागवानी विभाग से डीएचओ डॉ. बलजीत भ्याणा व पेहवा से आए प्रगतिशील किसान शीतल राम भी मौजूद थे। डॉ.् दलाल ने कहा कि देश में 26 से भी ज्यादा कृषि विश्वविद्यालय है और इन विवि की स्थापना देश में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ही की गई थी। डॉ. दलाल ने कहा कि आज कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों का जो प्रयोग बढ़ रहा है वह भी तकनीक का ही एक हिस्सा है, लेकिन यहां के किसानों ने कोई नई तकनीक अपनाने की बजाय कीट विज्ञान को अपना कर अपना खुद का कीट ज्ञान पैदा किया है।

कीट ज्ञान का मतलब फसल में कीटों के क्रियाकलापों को समझना व कीटों का परखना है। पाठशाला की शुरुआत फसल में कीट सर्वेक्षण से की गई। कीट कमांडो किसानों ने कीटों का सर्वेक्षण कर खाप प्रतिनिधियों के सामने फसल में मौजूद कीटों का आंकड़ा रखा। अलेवा से आए किसान जोगेंद्र ने बताया कि उसकी पोली हाउस में लगी शिमला मिर्च की फसल में ग्रास होपर का प्रकोप काफी बढ़ गया था, जिससे भयभीत होकर उसने फसल में कीटनाशक का स्प्रे किया, लेकिन कीटनाशक से भी अच्छा परिणाम नहीं मिला। इसके बाद उसने पोली हाउस में मकड़ियां छोड़ दी और मकड़ियों ने बड़ी आसानी से ग्रास होपर को कंट्रोल कर लिया।

चैनल की टीम ने भी किसानों के अनुभव को किया कैमरे में कैद

लोकसभा चैनल दिल्ली की टीम ने मंगलवार को किसान खेत पाठशाला में पहुंचकर किसानों के अनुभव को अपने कैमरे में कैद किया। चैनल की असिस्टेट डायरेक्टर प्रियंका एडिटर अमल, प्रोडक्शन एसिस्टेट शनि व कैमरामैन मुन्ना के साथ बृहस्पतिवार को प्रसारित होने वाले विज्ञान दर्पण तथा शुक्रवार को प्रसारित होने वाले साइंस दीस वीक कार्यक्रम की शू¨टग के लिए आई थी। चैनल की टीम ने सुबह आठ से 12 बजे तक निडाना में किसान खेत पाठशाला के किसानों तथा 12 बजे से दोपहर दो बजे तक ललितखेड़ा में महिला किसानों के क्रियाकलापों व उनके अनुभव की रिकाíडंग की।

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