Move to Jagran APP

बड़ा अचंभा, बिन मां बने 18 माह की बछड़ी दे रही दूध

कैथल के कलायत क्षेत्र में कुदरत की एक करिश्‍मा से लोग हैरान हैं। यहां के एक गांव में बाबा बालकनाथ आश्रम में एक 18 माह की बछड़ी बिना मां बने दूध दे रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2016 03:31 PM (IST)
Hero Image

कैथल, [पंकज आत्रेय]। जिले के कलायत क्षेत्र के गांव बालू की गादड़ा पट्टी में कुदरत का एक करिश्मा लोगों को हैरत में डाले हुए है। यहां बाबा बालक नाथ आश्रम में एक 18 महीने की बछड़ी बिना मां बने दूध दे रही है। बछड़ी को देखने के लिए लोेगों का तांता लगा है। लोग गंगा नामक की इस बछड़ी के दूध को प्रसाद समझ ग्रहण कर रहे हैं। डाक्टरों की बाबा बालक नाथ आश्रम में टीम ने भी बछड़ी की जांच की है। उनके अनुसार ऐसा बछड़ी में हार्मोन की कमी से हो रहा है।

लोग माता मानकर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर रहे हैं दूध, बाबा बालकनाथ आश्रम की है बछड़ी

आश्रम में लोग सुबह से लोग प्रसाद समझ कर दूध की कुछ बूंद के लिए महंत शुक्रनाथ के पास पहुंच रहे हैं। कई दिनों से बछड़ी गंगा के थन से दूध बह रहा है। वह सुबह और शाम दोनों समय दूध देती है। हालांकि चिकित्सक इसे हार्मोनल असंतुलन मान रहे हैं, लेकिन श्रद्धा के आगे कोई तर्क नहीं चलता।

पढ़ें : माता मनसा देवी मंदिर में सोने के सिक्के बेचने की होगी विजिलेंस जांच

लोग डाक्टरों के तर्क से अलग इसे कुदरत का करिश्मा और बाबा बालक नाथ का चमत्कार मान रहे हैं। साहिवाल नस्ल की यह बछड़ी ग्रामीणों के लिए मां का रूप बन गई है। महंत शुक्रनाथ का कहना है कि वह इस बछड़ी को कई महीने पहले लेकर आए थे। उनके आश्रम में बस यही एक बछड़ी रखी है। इसके अलावा कोई पशु नहीं है।

पढ़ें : रोहतक पीजीआइ के डेंटल कालेज में बॉयलर फटा, दो डॉक्टर घायल

उन्होंने बताया कि चार दिन पहले उनकी नजर बछड़ी के नीचे गिरे दूध पर पड़ी तो केयर टेकर रणबीर सिंह को बुलाया और पूछताछ की। जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि दूध अपने आप बछड़ी की थनों से निकल रहा है। दो दिन तक दूध निकलता रहा तो गांव के ही पशु चिकित्सक डॉ. त्रिलोक शर्मा को दिखाया। उन्होंने बछड़ी का दूध निकालने की सलाह दी। फिलहाल गंगा सुबह और शाम आधा किलो से ज्यादा दूध दे रही है।

दूध का बना दिया चरणामृत

महंत शुक्रनाथ ने बताया कि गंगा के दूध को चरणामृत के प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को दिया जा रहा है। तीन दिन से आसपास के गांवों से भी लोग बछड़ी को देखने के लिए आ रहे हैं। गंगा के पालन-पोषण देखकर रणबीर सिंह का कहना है कि जब दूध निकला तो उन्हें भी यकीन नहीं हुआ। ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। जब डॉक्टर ने पुष्टि की तो विश्वास हुआ। गंगा दो दिन से बीमार है। पशु चिकित्सक ने गंगा को चारे के साथ कैल्शियम, दलिया, आटा और ज्वार खिलाने के लिए कहा है।

साहिवाल नस्ल की खूबी

गंगा साहिवाल नस्ल की देसी बछड़ी है। इस नस्ल की विशेषता है कि इसका दूध मीठा, गाढ़ा और ज्यादा वसायुक्त होता है। प्रतिदिन यह 20 से 25 किलो तक दूध दे सकती है। इसका दूध अन्य नस्लों की तुलना में ज्यादा पोषक होता है।

हारमोनल असंतुलन है : डॉ.शर्मा

गंगा का उपचार कर रहे डॉ. त्रिलोक शर्मा ने बताया कि बछड़ी गंगा ऐसा पहला मामला नहीं है। यह पशु में हार्मोनल असंतुलन की वजह से हुआ है। उसके पेंक्रियाज में गड़बड़ी है। इसी वजह से उसे बुखार भी है। हालांकि इसका दूध पीने लायक और पौष्टिक है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।