कारपोरेट टैक्स में कमी से बढ़ेगा विकास
- उद्योगपतियों के अनुसार, विकास दर रही बरकरार, जल्द बने केएमपी तो फले-फूलेगा पलवल फोटो 28
By Edited By: Updated: Sat, 28 Feb 2015 08:40 PM (IST)
- उद्योगपतियों के अनुसार, विकास दर रही बरकरार, जल्द बने केएमपी तो फले-फूलेगा पलवल
फोटो 28पीडब्लयुएल-7 में है कैप्शन- 7 :- हरदीप महाजन 7ए-अजय तंवर
7बी-हरनारायण शर्मा
सुशील भाटिया, पलवल :
मोदी सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत आम बजट पर शनिवार को जिले के उद्यमी वर्ग की नजरें भी टिकी रही। बजट में कारपोरेट टैक्स में पांच प्रतिशत कमी करने की घोषणा से उद्योग धंधों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही उद्योगपति यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि वर्तमान में जो विकास दर है, वो अगर बरकरार रहती है, तो निश्चित रूप से उद्योगों को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी और जिस क्षेत्र का उद्योग-कारोबार बढ़ेगा, तो वह क्षेत्र भी विकास की राह पर अग्रसर होगा। दैनिक जागरण ने आम बजट में किए गए प्रावधानों का आगामी दिनों में उद्योगों पर पड़ने वाले असर पर बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया हासिल की। -------------- यह अच्छी बात है कि कारपोरेट टैक्स को 30 से 25 प्रतिशत करने का प्रावधान एवं अगले चार साल में इसमें और कमी करने की बात कही गई है। मैं यह मानता हूं कि यह कदम उद्योग धंधों को आगे बढ़ाने में सहायक होगा, साथ ही मेरा यह भी मानना है कि वर्तमान में जो विकास दर है, उसे सरकार इसी तरह बनाए रखती है, तो भी उद्योग-कारोबार आगे बढ़ेगा। मैं पलवल के नजरिए से एक बात जो इस बजट से जोड़ कर देख रहा हूं, वो यह कि पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने केएमपी यानी कुंडली-मानेसर-पलवल मार्ग को जल्द पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम उठाने की बात कही है। अगर केएमपी जल्द पूरा होता है और विकास दर यही रहती है, तो इससे पलवल जिले का तेजी से विकास होगा। विकास दर और परिवहन सुविधा दोनों ही उद्योग-कारोबार से जुड़ी हैं। -हरदीप महाजन, मुख्य संरक्षक पलवल चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज। ---------- उद्योग के नजरिए से आम बजट को संतुलित कहा जा सकता है। कारपोरेट टैक्स में कमी विकास को आगे बढ़ाने की सोच है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए, साथ ही मैं यह भी कहूंगा कि एक करोड़ रुपये से ज्यादा आय पर दो प्रतिशत सरचार्ज और सर्विस टैक्स में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी से कुछ भार भी पड़ेगा, पर आम आदमी की सहूलियत के लिए किए जाने वाले प्रावधान के वास्ते पैसा तो चाहिए ही, इस लिए यह जरूरी भी है। -अजय तंवर, युवा उद्यमी। ------ बजट में किए गए प्रावधानों को समझने में कुछ वक्त लगेगा, पर वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के नारे को केंद्र में रखते हुए कई घोषणाएं की है। वित्त मंत्री ने जीएसटी को अगले वर्ष 2016 में लागू करने का भरोसा दिलाया है। यह बहुत जरूरी भी है। हम उम्मीद कर रहे थे कि आयकर स्लैब में कुछ बदलाव होगा, पर ऐसा हुआ नहीं, इससे नौकरी पेशा को कुछ निराशा तो हुई है, लेकिन कुल मिला कर बजट संतुलित है और मैं यह आशा करता हूं कि विकास दर इसी तरह से रही, तो लघु उद्यमियों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। -हर नारायण शर्मा, अध्यक्ष पलवल चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज।
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