जागरण संवाद केंद्र, पलवल : जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने पीयूष कालोनाइजर्स लिमिटेड को आदेश दिए
By Edited By: Updated: Thu, 19 Mar 2015 05:09 PM (IST)
जागरण संवाद केंद्र, पलवल : जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने पीयूष कालोनाइजर्स लिमिटेड को आदेश दिए हैं कि वह सेक्टर 37 फरीदाबाद निवासी उपभोक्ता साधना गुप्ता को पीयूष सिटी पलवल में उसके द्वारा बुक कराए गए प्लाट का आवंटन पत्र जारी करे। यदि यह प्रोजेक्ट सभी तरह से पूरा हो गया हो तथा उपभोक्ता इसे लेने के लिए राजी हो तो उससे वैध भुगतान लेकर ही आवंटन पत्र जारी किया जाए। यदि प्रोजेक्ट तैयार नहीं है तो उपभोक्ता को उसके द्वारा जमा कराई गई बु¨कग राशि छह लाख रुपये 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित वापस करे। फोरम ने कालोनाइजर्स को यह भी आदेश दिए हैं कि वह साधना गुप्ता को पहुंची मानसिक क्षति के लिए 50 हजार रुपये का मुआवजा भी दें। इसके अलावा 5100 रुपये का कानूनी खर्चा अलग से प्रदान करें। यदि 45 दिनों के भीतर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसे 50 हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान उपभोक्ता को करने होंगे।
यह था मामला
साधना गुप्ता ने पीयूष सिटी पलवल में 200 वर्ग गज का एक प्लाट 2006 में अपने नाम तबदील कराया था। प्लाट की कुल कीमत 9.98,000 थी। 21 जून-2008 को प्लाट के कागज साधना गुप्ता के नाम हुए तथा उससे दो लाख रुपये वसूले गए। प्लाट की बु¨कग के समय प्रतिवादी ने आश्वासन दिया था कि इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी औपचारिकताएं सरकार से पूरी करा ली जाएंगी। साधना के अनुसार प्रतिवादी ने अपने वायदे पूरे नहीं किए। न ही कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं। न ही प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराईं। उनके अनुसार प्रतिवादी उन पर जमा कराई राशि वापस लेने के दबाव भी बनाते रहे। उन्हें आवंटन पत्र भी जारी नहीं किया गया। उन्होंने कानूनी नोटिस भी दिया, लेकिन इसका भी कोई असर पर प्रतिवादी पर नहीं पड़ा। यह कहना था प्रतिवादी का
प्रतिवादी ने अपने लिखित कथन में साधना गुप्ता के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2008 में बनाया गया था। उनके अनुसार साधना गुप्ता ने कभी भी उनसे संपर्क नहीं किया और न ही किश्ते जमा की। जबकि प्रतिवादी इसके लिए रिमाइंडर जारी करते रहे। फोरम का निर्णय
फोरम के अध्यक्ष जगबीर ¨सह, सदस्या खुश¨वद्र कौर व सदस्य आरएस धारीवाल ने अपने निर्णय में कहा कि प्रतिवादी ने इस मामले में लापरवाही बरती है तथा आवश्यक सेवाएं प्रदान नहीं की हैं। उनका हित केवल आठ साल तक प्रयोग की गई राशि को वापस देने तक था। वह प्रोजेक्ट के तहत प्लाट का आवंटन पत्र जारी नहीं करना चाहते थे। यह उनकी अनुचित व्यापार पद्धति को दर्शाता है। फोरम ने साधना गुप्ता के परिवाद को मंजूर करते हुए उक्त निर्णय सुनाया। फोरम ने इसी तरह के अन्य मामले में पीयूष कालोनाइजर्स को आदेश दिए कि वह सराय ख्वाजा फरीदाबाद निवासी अनुराग गुप्ता को आवंटन पत्र जारी करें तथा यदि प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है तो प्लाट की कीमत नौ लाख रुपये 12 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करें। इसके अलावा 50 हजार रुपये अनुराग गुप्ता को मुआवजा व 5100 रुपये का कानूनी खर्चा प्रदान करें। 45 दिनों के भीतर ऐसा न करने पर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त और देने होंगे।
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